<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को हलकान कर दिया है। भारत दुनिया में सबसे अधिक इस संकट से जूझ रहा है। भारत में कोरोना विस्फोट के बाद एक बार फिर पूरा विश्व सतर्क हो गया है। कई देशों में फिर से काम की गति धीमी पड़ रही है। कोरोना का इतना डर होने लगा है कि लोग अपने ही घरों में कैद हो गए हैं। सबसे ज्यादा असर रोजी-रोटी पर पड़ा है। क्योंकि ज्यादातर कामकाज ठप होते हैं। जो लोग घर से काम कर रहे हैं, कोरोना के डर से उनके काम करने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने काम की धड़कन (उत्पादतकता) या क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं। themindsetapp.com को दिए गए ई-मेल इंटरव्यू में एलन मस्क ने ऐसे 7 टिप्स दिए हैं जिनसे काम की क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
१। उज्जवल और बड़ी बैठक विनाशकारी
मेन मस्क ने सबसे पहला सुझाव दिया है कि इसमें सामान्य और बड़ी बैठकें हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों में बड़ी बैठकें काम की क्षमता को प्रभावित करने वाले विनाशकारी कारक हैं। बिना किसी डिजाइनेश्य के बैठक बेकार है। उन्होंने कहा कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो बैठकें का कोई मतलब नहीं है। यदि बैठकें भी होती हैं तो उसे छोटा रखें। & nbsp;
२। जल्दी-जल्दी मीटिंग्स का कोई मतलब नहीं
एलन मस्क ने कहा है कि जल्दी-जल्दी रूटीन मीटिंग्स का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारी बोर होते हैं। इसलिए जब तक कोई इमरजेंसी वाली स्थिति न हो रूटीन मीटिंग्स से। एक बार जब कोई बड़ा मसाला हल हो जाए तो लंबे समय तक बैठकें करें।
3। मीटिग्स से बाहर निकल जाओ
मेन मस्क ने कर्मचारियों को सलाह दी कि अगर कोई मीटिग हो रही है और इसमें आपके काम से संबंधित कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है तो आप बैठक से उठकर चले जाएं। मुलाकात से उठकर जाना कोई बुरी बात नहीं मानी चाहिए।
4। निरर्थक शब्दों का प्रयोग न करें
मेन मस्क टेस्ला के कर्मचारियों का स्वच्छ हिदायत दे रखा है कि जिस शब्द का मतलब निकालने के लिए शब्दकोष की सहायता लेनी पड़े, ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि जो शब्द दो लोगों के बीच के संवाद में बाधा पहुंच गया, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना हम समय की बर्बादी समझते हैं। & nbsp;
5 संवाद के लिए आसान तरीका अपनाएं
मस्क ने कहा है कि हमेशा की तरह सरल और सहज हो, इसके लिए हमेशा आसन रास्ता अपनाएं। उन्होंने अपनी कंपनी के अधिकारियों से साफ कह रखा है कि स्टाफ को सीधा और सरल शब्दों में इंस्ट्रक्शन दें ताकि वह आसानी से समझ सके।
6। डिपार्टमेंट के अंदरूनी माहौल का सहज वातावरण हो
मस्क ने कहा है कि डिपार्टमेंट के अंदर के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को संवाद का सहज वातावरण हो। लोग एक दूसरे के साथ सहज होकर बातचीत करते हैं। ऐसा न हो कि किसी काम के लिए एक व्यक्ति को अपने प्रबंधक से बात करनी पड़ी। फिर प्रबंधक को यह पूछने के लिए अपने वाइस प्रेसीडेंट से, वाइस प्रेसीडेंट को दूसरे वाइस प्रेसीडेंट से, फिर उसे डायरेक्टर से। ऐसा करना काम को कूड़ा में डालना है। डिपार्टमेंट के बीच सूचनाओं का ऐसा सहज वितरण हो कि हर किसी को मालूम हो जाए।
7। कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें
मेन मस्क का अंतिम सुझाव था कि हमेशा कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि कंपनी के नियमों का हमेशा पालन करना & nbsp; बहुत बोरिंग होता है, उस स्थिति में कॉमन सेंस का इस्तेमाल बेहतर होता है। & nbsp;
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