न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 26 Apr 2021 12:23 AM IST
कोरोनाकैसिनेशन
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डीजीएचएस डाॅ। कुमार ने कहा कि कोरोना रोधी वैक्सीन को लेकर बहुत अफवाहें फैल रही हैं, जबकि उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं या बहुत नगण्य हैं। वैक्सीन और कोविड से बचाव के प्रोटोकाॅल का पालन, ये दो चीजें हैं, जो हमें कोरोना चेन तोड़ने में मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2020 के नए वायरस आए थे और हम इसके लिए तैयार नहीं थे। केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और इसकी परीक्षण की क्षमता तैयार की। हमें हमारी सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से, डाक्टरों और महामारी रोग विशेषज्ञों की सलाह से ठोस कदम उठाए। लोगों को जिम्मेदारी पूर्वक व्यवहार करना चाहिए और मोबाइल पर आने वाले लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसा व्यवहार समाज के सभी वर्ग के लोगों को करना होगा।
टीकाकरण का चौथा चरण एक मई से
भारत में टीकाकरण 16 जनवरी को शुरू हुआ था। अभी देश में कोविशील्ड व कोविक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। पहले चरण में एमआर लाइन वर्करों को टीके लगाए गए। दूसरे चरण में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके लगे और तीसरे चरण में एक मार्च से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीके लगे। चैथे चरण में 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके लगाए जाएंगे। बता दें कि देश में अब तक 14 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं। यह देश की कुल आबादी का लगभग 11 प्रतिशत है।
इस वर्गीय संवाद को एम्स दिल्ली के निदेशक डाॅ। रणदीप गुलेरिया और खटिक चिकित्सक डाॅ। रणदीप गुलेरिया और एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डाॅ। देवीत विज ने भी विचार रखे।
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