अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
Updated Sun, 02 May 2021 12:32 AM IST
डॉ। विवेक राय
– फोटो: अमर उजाला
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उधर अस्पताल में चर्चा है कि एक महीने से आईसीयू में तैनात डॉक्टर मानसिक रूप से काफी परेशान थे। वे हर दिन आईसीयू में 6 से 8 मरीजों की जान बचाने के लिए सीपीआर इत्यादि देते हैं लेकिन बहुत कम ही मामलों में उन्हें कामयाबी मिल रही थी।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी 35 वर्षीय डॉ। विवेक राय मैक्स साकेत अस्पताल में तैनात थे। वे अपनी पत्नी के साथ मालवीय नगर इलाके में रहते थे। शनिवार को उनकी पत्नी की एक दोस्त ने पुलिस को सूचना दी कि डॉ। विवेक घर का दरवाजा नहीं खुल रहा है।
मौके पर पहुंची पुलिस ने जब घर का दरवाजा काफी जद्दोजहद के बाद खोला तो पंखे पर डॉ का शव लटका हुआ था। उन्होंने साड़ी से फंदा लगाकर आत्महत्या की। पुलिस ने तत्काल इस मामले की सूचना अपराध शाखा को दी जिसके बाद प्रारंभिक पड़ताल में एक स्यूसाइड नोट बरामद हुआ। पुलिस के मुताबिक स्यूसाइड नोट में मौत का कोई कारण नहीं लिखा है। न ही किसी को जिम्मेदार माना गया है।
पुलिस ने शव कब्जे में बारे एम्स में पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की फाइलबीन शुरू हो चुकी है। पुलिस परिवार कलह इत्यादि बिंदुओं पर भी जांच कर रही है।
वहाँ अस्पताल में चर्चा है कि डॉ। विवेक कोरोना रोगियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन ज्यादातर मामले गंभीर स्थिति में वहाँ पहुंच रहे थे। इसके कारण वह रोगियों को बचाने में बहुत कम सफल हो रहे थे। यह उन्हें काफी दुखद था। सोशल मीडिया पर भी इसी तरह की चर्चा होने लगी थी लेकिन पुलिस ने फिलहाल इस तरह की किसी बात से साफ इंकार किया है। पुलिस के मुताबिक उन्हें स्यूसाइड नोट में ऐसा कोई कारण नहीं मिला है।
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