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महाराष्ट्र : तीसरे सीरो सर्वे में मुंबई में 36 फीसदी लोगों में बनी एंटीबॉडी

by Sneha Shukla

अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
Updated Sun, 25 Apr 2021 02:29 AM IST

ख़बर सुनकर

कोरोना संक्रमण से जूझ रही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सकारात्मक खबर आई है। बीएमसी ने मुंबई में तीसरे सीरो डेवलपर बना दिया है जिसमें 36.50 प्रति लोगों का विकास हुआ है। सीरो डेवलपर में कुल 10,197 लोगों की जांच की गई जिससे पता चला है कि पुरुषों में 35.02 फीसदी और महिलाओं में 37.12 फीसदी महिलाओं पाई गई है।

पिछले साल देश में कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मुंबई सबसे ज्यादा प्रभावित था। बीएमसी जुलाई 2020 में पहला और अगस्त 2020 में दूसरा सीरो डेवलपर बना था। इसके बाद मार्च 2021 में बीएमसी के सभी 24 वार्डों में तीसरे सीरो सर्वे कराया गया है।

बीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बार उन लोगों का सीरो डेवलपर किया गया जो अभी तक कोरोनारोडीसी नहीं लग चुके है।

इस डेवलपर में झुग्गी बस्तियों में 41.6 फीसदी मिली है जबकि जुलाई में हुए पहले शेयर में इन बस्तियों में 57 प्रति और अगस्त में हुए दूसरे सीरो डेवलपर में 45 फीसदी हिस्सेदारी पाई गई थी। वहीं, तीसरे सीरो डेवलपर से पता चलता है कि बिल्डिगों में रहने वालों की तुलना में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 41 प्रति लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला।

बिल्डिगों में रहने वालों की बीमारी प्रतिकार क्षमता बढ़ी
कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई में 90 फीसदी कोरोनाटेस्टिंग हाउसिंग फ्लाटियों में मिल रहे हैं। तीसरे सीरो डेवलपर में बिल्डिगों में रहने वालों में 28.5 प्रतिशत पाया गया है।

इमारतों में रहने वाले लोगों में हुए पहले सर्वे में 28 फीसदी और दूसरे सर्वे में 18 फीसदी हिस्सेदारी का स्वरूप सामने आया था। इससे पता चलता है कि पिछली सर्वे की तुलना में इस बार हाउसिंग कंपनियों के रहने वाले लोगों की बीमारी प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि हुई है।

विस्तार

कोरोना संक्रमण से जूझ रही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सकारात्मक खबर आई है। बीएमसी ने मुंबई में तीसरे सीरो डेवलपर बना दिया है जिसमें 36.50 प्रति लोगों का विकास हुआ है। सीरो डेवलपर में कुल 10,197 लोगों की जांच की गई जिससे पता चला है कि पुरुषों में 35.02 फीसदी और महिलाओं में 37.12 फीसदी महिलाओं पाई गई है।

पिछले साल देश में कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मुंबई सबसे ज्यादा प्रभावित था। बीएमसी जुलाई 2020 में पहला और अगस्त 2020 में दूसरा सीरो डेवलपर बना था। इसके बाद मार्च 2021 में बीएमसी के सभी 24 वार्डों में तीसरे सीरो सर्वे कराया गया है।

बीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बार उन लोगों का सीरो डेवलपर किया गया जो अभी तक कोरोनारोडीसी नहीं लग चुके है।

इस डेवलपर में झुग्गी बस्तियों में 41.6 फीसदी मिली है जबकि जुलाई में हुए पहले शेयर में इन बस्तियों में 57 प्रति और अगस्त में हुए दूसरे सीरो डेवलपर में 45 फीसदी हिस्सेदारी पाई गई थी। वहीं, तीसरे सीरो डेवलपर से पता चलता है कि बिल्डिगों में रहने वालों की तुलना में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 41 प्रति लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला।

बिल्डिगों में रहने वालों की बीमारी प्रतिकार क्षमता बढ़ी

कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई में 90 फीसदी कोरोनाटेस्टिंग हाउसिंग फ्लाटियों में मिल रहे हैं। तीसरे सीरो डेवलपर में बिल्डिगों में रहने वालों में 28.5 प्रतिशत पाया गया है।

इमारतों में रहने वाले लोगों में हुए पहले सर्वे में 28 फीसदी और दूसरे सर्वे में 18 फीसदी निवेश का स्वरूप सामने आया था। इससे पता चलता है कि पिछली सर्वे की तुलना में इस बार हाउसिंग कंपनियों के रहने वाले लोगों की बीमारी प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि हुई है।

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