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आरबीआई ने अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर्स क्लब पर लगाई पाबंदी, भारतीय ग्राहकों को इश्यू नहीं कर सकेंगे अब कार्ड 

आरबीआई ने अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर्स क्लब पर लगाई पाबंदी, भारतीय ग्राहकों को इश्यू नहीं कर सकेंगे अब कार्ड 

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड 1 मई से घरेलू ग्राहकों को कार्ड जारी नहीं करेंगे। आरबीआई ने इन दोनों को नए कार्ड जारी करने से रोक दिया है। यह पेटेंट कराने का आंकड़ा और दूसरी जानकारी के रखरखाव के नियमों के उल्लंघन करने के कारण लगाई गई है। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि इस आदेश से इसके मौजूद ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आरबीआई ने 23 अप्रैल को अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग को और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड पर यह रोक लगाने की अधिसूचना जारी की है। कहा गया है कि यह 1 मई 2021 से वह किसी डोमेस्टिक कस्टमर्स को अपना कार्ड जारी नहीं करेगा।

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> पेमेंट ऑपरेटर्स पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज के नियम नहीं माने थे

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर हैं। येदेश में पेमेंट एंट सेटलमेंट टेक्नोलॉजीज एक्ट, 2007 (पीएसएस एक्ट) के तहत कार्ड नेटवर्क्स परिचालन कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि दोनों कंपनियां इस एक्ट के तहत देश में क्रेडिट कार्ड जारी कर सकती हैं। लेकिन 23 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार ये दोनों पेमेंट ऑपरेटर्स पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज से जुड़े निर्देशों के उल्लंघन की सजा पाए गए हैं। इसके बाद इन पर नए कार्ड जारी करने से रोक लगाई गई। आरबीआई यह क्रिया पीएसएस एक्ट के तहत की है।

अप्रूव्ड ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई थी
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आरबीआई ने पेमेंट सिस्टम डेटा के स्टोरेज पर अप्रैल 2018 में ही एक सर्कुलर जारी किया था। इसके मुतबिक, सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को अपना डेटा सिर्फ भारत में ही स्टोर करना था। & nbsp; इसकी साथ ही कंपनियों को सिस्टम अप्रूवड ऑडिट रिपोर्ट भी एक तय टाइमलाइन में आरबीआई को देनी थी। आरबीएआई ने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को छह महीने के भीतर यानी 15 अक्टूबर 2018 तक नियमों को पालन करने का वक्त दिया था। अप्रैल 2018 सर्कुलर के मुताबिक, बोर्ड से अप्रूव्ड ऑडिट रिपोर्ट 31 दिसंबर 2018 तक जमा करना था। लेकिन इन दोनों कंपनियों ने इन दोनों नियमों का पालन नहीं किया है। इसके बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया।

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