10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen :- रमजान ऊल मुबारक आते ही हम सब ये सोचते है, की जितना हो सके उतने ज्यादा अच्छे से अच्छे काम करे इस पाक महीने में और अल्लाह की बारगाह में ज्यादा से ज्यादा अच्छे आमालो को पेश करे।
रमजान का महीना बोहोत बरकतों का होता है, इसे महीने इंसानों को अपने दिल को बड़ा करना चाहिए और जितना हों सके अच्छे और नेक काम करने चाहिए, वैसे तो रमजान में जितना किया जाए दिया जाए कम है, क्योंकि अल्लाह इस महीने में बोहोत बरकत देता है।
रमजान के महीने की बरकत को अल्लाह के प्यारे नबी ने भी बताया है और अल्लाह के नबी इसकी तैयारी शाबान के महीने से ही शुरू कर दिया करते थे। रमजान में महीने में इंसान को ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत करनी चाहिए,और फालतू वक्त बर्बाद नही करना चाहिए।
इस पाक महीने रमजान में हमे ज्यादा से ज्यादा सबाब वाले काम करने चाहिए, और अपने अंदर से सारी सुस्ती और आलस को निकाल देना चाहिए, हम बड़े नसीब वाले मोमिन है जो हमे रमजान जैसा तौफ़ा अल्लाह ने दिया है, इस पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत और तिलावत ए कुरान करना चाहिए, हम सभी को ज्यादा से ज्यादा ये कोशिश करनी चाहिए ,की हम इस पाक महीने रमजान में एक एक मिनट को इबादत में शामिल करे,और जितना हो सके अल्लाह से सबाब हासिल करने की कोशिश कर सकें।
10 काम रमजान में जरूर करें – 10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen
10 बेहद जरूरी काम हैं – जो हमे ज्यादा से ज्यादा रमजान के इस महीने में करने चाहिए और अल्लाह को अपनी जात से खुश करना चाहिए, बेशक अल्लाह बोहोत रहम करने वाला है माफ करने वाला हैं।
1. रोज़ा रखना और तरावीह पढ़ना।
अल्लाह के दिए हुए इस शानदार ताउफा रमजान को हमे पूरे दिल जान के साथ कुबूल करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा हमे इस महीने में इबादत करनी चाहिए।
रमजान के महीने में हर मुसलमान को ज्यादा से ज्यादा या सारे रोजे रखने चाहिए।सबसे अव्वल सबाब रमजानो का रोज़ा रखना ही है, रोजे से हम रूहानी के साथ साथ जिस्मानी भी बोहोत फायदे होते हैं, इस महीने में तरावीह का भी अलग ही सुकून है, जो की रात में ईशा की नमाज के बार कायम की जाती है। दिन की नमाज और इबादत और रात की तरवीह से अल्लाह बोहोत खुश होते हैं।
2. दिल से हर बुरे काम की तौबा करना और इस्तेगफार पढ़ना।
रमजान के महीने में अल्लाह ने फरमाया है की अपने दिल से सारी बुराई दूर करो और अपने दिल को जितना हो सके पाक रखें।
इस महीने अल्लाह से खूब तौबा करनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए की अल्लाह हमारे तमाम गुनाहों को माफ करे और हमे नेक बनाए और अल्लाह से माफी मांगते हुए। कसरत से इस्तेग्फार पढ़नी चाहिए।
3. अपने रोजे को महफूज रखने के लिए जिस्मानी हिस्सो को गुनाहों से बचाना चाहिए।
रमजान में रोज़ा रखना सबसे बड़ा सबाब का काम है लेकिन उस रोजे की हिफाजत करना भी बेहद जरूरी है।रोज़ा रखने की बाद हम खुद को खाने पीने से तो रोक सकते हैं, लेकिन असल में रोजे में आंख,कान,ज़ुबान,दिमाग,दिल और पूरे जिस्म को गुनहाओ से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
4. जमात के साथ नमाज पढ़ना।
वैसे तो इंसान को हर रोज ही जमात के साथ ही नमाज अदा करनी चाहिए।लेकिन रमजान में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए की हर नमाज और तरावीह जमात के साथ ही अदा की जाए। जमात के साथ नमाज पढ़ने से इसका सबाब कई गुना बढ़ जाता हैं।
5. रसूल ए अकरम की तालिमात का मुताला करना।
हमारे प्यारे नबी हमारे आका रसूल ए पाक ने हमे बेहतरीन जिंदगी जीने का तरीका बताया है।एक मुसलमान को नेक और पाक होना चाहिए और और सच्ची और अच्छी जिंदगी गुजारने की लिए रसूल पाक की तालीमात पर ज्यादा से ज्यादा अमल करना चाहिए।
6. नफिल नमाजो को अदा करना
रमजान के इस महीने में हर मुसलमान को ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए।इस महीने में नमाज़ के साथ साथ इंसान को नफील नमाज भी पढ़नी चाहिए,जैसे इशराक, चश्त, अव्वेबीन, सलातुल तस्बीह, और तहाजुद है। इन सभी का बोहोत आला सबाब है।
7. हर वक्त कलमा पढ़ना और दरूद शरीफ पढ़ना
रमजान में इंसान को इबादत करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा चलते फिरते जितना हो सके उतना कलमा पढ़ना चाहिए।और दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए, बेशक अल्लाह के जिक्र से दिल को सुकून मिलता है।रमजान के अलावा भी अल्लाह का जिक्र करना चाहिए जो रूह के लिए बोहोत जरूरी है।
8. कुरान ए पाक की तिलावत करना
वैसे तो कुरान की तिलावत हर रोज करनी चाहिए लेकिन रमजानो में जितना हो सके अल्लाह का जिक्र और कुरान ए पाक की तिलावत करना चाहिए।अल्लाह ने कुरान को भी रमजान में ही उतारा था सुभानल्लाह।रमजान में कुरान पढ़ने के बोहोत आला सबाब है।अपना वक्त जाया न करते हुए इसकी तिलावत करें।
9. जहन्नम के अजाब से पनाहा मांगना
रमजान में अल्लाह से जितना हो सके अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए बेशक वो बड़ा रहम करने वाला है, माफ करने वाला है, अल्लाह से हमे सबसे ज्यादा जहन्नम के अजाब से पनाह मांगनी चाहिए।
रमजान में अपने अल्लाह से रो रो कर अपने गुन्हाओं की माफी मांगो और जन्नत की दुआ मांगो बेशक अल्लाह ही देना वाला है।
10. सदका करना चाहिए।
रमज़ान के महीने में जितना हो सके उतना सदका करना चाहिए,इस महीने में अल्लाह की राह में ज्यादा से ज्यादा खर्च करना चाहिए।और गरीब और परेशान लोगो को रमजान की रौनक जैसे इफ्तार और शहरी में शामिल।करना चाहिए।
अल्लाह फरमाता है, की सदका करने से माल में बढ़ोतरी आती है और इस महीने में तो वैसे ही इतनी बतलाते हैं।
Conclusion :-
आज हम इन सारी बातों ( 10 Kaam Ramzan Me Zaroor Karen ) से ये मालूम होता है, की अल्लाह ने हमारे लिए हर वक्त तौबा के दरवाजे खोले है, लेकिन अगर हम रमजानो में अल्लाह की बताई गई इन जरूरी बातो को शामिल कर ले अपनी जिंदगी में तो हम अपने सारे गुनाहों की माफी मांग सकते हैं बेशक अल्लाह माफ करने वाला है।
अल्लाह हम सब बंदों से बोहोत मोहब्बत करता है, इसलिए रमजान में हमारे लिए माफी मांगने की बोहोत सारे तरीके बताता है और हमारे लिए हमेशा आसानी पैदा करता है।
अल्लाह हम सबके गुनाहों को माफ आता फरमाए।
आमीन।
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