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लैलतुल क़द्र की खास 6 निशानिया – Lailatul Qadr Ki Nishaniyan

by Pritam Yadav

Lailatul Qadr Ki Nishaniyan :- असलामु अलयकुम नाजरने दीन आज हम आपको बताने जा रहे है, की रमजान के इस पाक महीने में आने वाली अव्वल रातों में से जो सबसे अव्वल है, वो है – लैलातुलकदर की क्या क्या और कितनी निशानिया है।

रमजान मुबारक के आते ही एक रात का सबसे ज्यादा जिक्र किया जाता है और वो रात है, सबसे अफजल रात लैलातुलकदर है।

इस रात की खूबसूरती हर मुसलमान जनता है। आज हम ये जानने वाले हैं, की कितनी लैलातुलकदर की कितनी निशानिया होती है.और इस बरकत रात की कितनी अहमियत है।

इस रात की एक खास दुआ भी है, जिसको जितना पढ़ा जाए उतना ही सबाब है। इस खूबसूरत रात का जिक्र कुरान शरीफ में भी किया गया है।

लैलातुलकदर की  निशानियां कुछ यूं है। वो रात रोशन और चमकदार होती है, इस रात में चांद की रोशनी भी बोहोत उजली होती है, यह रात बोहोत पुरसुकून होती है, यह रात बोहोत ठंडी रात होती है, इस रात में कोई भी आपदा नही आती है कोई भी ज़लज़ला और आंधी नही आती है, इस रात को अल्लाह अपने नेक बंदों को खुवाबों में ही दिखा देता है, की कौन सी रात लैतुलतिलकदर  की है। इस अफ़ज़ल रात के लिए अल्लाह ने एक बोहोत खूबसूरत दुआ भी ननाजिल की है।

اللَّهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ كَرِيمٌ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي

अल्लाहुम्मा इनका अफूवान ताहिब्बुल ऑफ वा फा फु अन्न नी

Allahumma innaka Afuwwun [Karimun ] tuhibbul `afwa fa`fu `annee

O Allah, indeed You are Pardoning, [Generous,] You love pardon, so pardon me

इस अफ़ज़ल दुआ का यह मतलब है :-

या अल्लाह , बेशक तू बड़ा रहम करने वाला है, तू माफ़ करने वाला है। तुझे माफी पसंद है, तो मुझे माफ कर दे अल्लाह।

सुभानअल्लाह बेशक अल्लाह की शान बोहोत निराली है वो गफूर उर रहीम है, अल्लाह हम सब को माफ करे और नेक बनाए ।


आइए जानते हैं वो छे कीमती निशानिया के बारे में अच्छी तरह से | Lailatul Qadr Ki Nishaniyan

1. यह रात किसी एक रात में होगी।

इस बात का यह मतलब है, की ये रात हमे किसी भी एक रात में मिल सकती है जिसमे है 21,23,25,27,29 यह सभी तारीख रमजानो के आखरी अशरे है।

जितना हो सके हमे उतनी इबादत करनी चाहिए इन अफजल रातों में बेशक अल्लाह ही है, जो कबूल करने वाला है। बोहोत बड़ी शान है अल्लाह की वो हमारे बड़े से बड़े गुनहाओ को माफ कर देता है। रमजान का महीना हमारे लिए बोहोत सी बरकाते लेकर आता है।

2. इन रातों में रोशनी भी कुछ अलग ही होती है कुछ खास होती है।

बेशक अल्लाह का दिया हुआ बेशद खूबसूरत तौफा है रमजान और रामजानो की फजीलाते भी बेशुमार है।

उन्ही में है अल्लाह की दी हुई ये अफजल रातें लैलातुलकदर की रात, इस रात में अल्लाह ने बोहोत खूबसूरती पैदा की है अल्लाह इस रात में बोहोत प्यारी और खास रोशनी होती हैं।

3. दिल में सुकून पैदा करने वाली रातों में से एक है, ये लैलातुलकदार की रातें।

बेशक अल्लाह के जिक्र में ही इंसान को सुकून मिलता है।अल्लाह ने इसलिए हम सभी के लिए पूरा महीना ही ऐसा बना दिया है की जिसमे हम सुकून के साथ रह सके और बस अल्लाह का ज्यादा से ज्यादा जिक्र कर सके।

जब लैलातुलकदर की राते आती है, तो इंसान के दिल को एक बोहोत ही खास तरह का सुकून देती है और वो सुकून सिर्फ इबादत करने वाला ही समझ सकता हैं।

इस सुकून को इंसान हमेशा अपनी जिंदगी में तलाश करता है क्योंकि पूरी जिंदगी से ज्यादा सुकून इन रातों में है।

4. इन रातों में ज़लज़ला और आंधी या कोई भी आपदा नही आ सकती।

इन रातों में मौसम बोहोत सुहाना रहता है,अल्लाह न सिर्फ इंसानों पर लेकिन मौसम पर भी बोहोत मेहरबान रहता है। इन रातों में अल्लाह अपने बंदों पर बोहतो रहम फरमाता है, न ही कोई ज़लज़ला आता है और न ही कोई आपदा आती है, यही शान है, अल्लाह की बेशक वो बेहद रहम फरमाने वाला है।

यह रात बोहोत सुकून की होती है इसमें कोई घुटन नही होती और न ही कोई बेसुकूनी होती है, ये बोहोत ही आजाद रात है, इस रात के बाद जो दिन निकलता है, उसमे भी ज्यादा हमारी नही होती है सुभानल्लाह।

5. इस रात की इबादत का सबाब सबसे ज्यादा है।

वैसे तो अल्लाह ने पूरे महीने की इबादत का ही बोहोत सबाब बताया है लेकिन लैलातुलकदर की रातों को इबादत का सबाब सबसे ज्यादा अफजल है।

इन रातों में की गई इबादत से बंदे को बोहोत ज्यादा सुकून मिलता है और उसका बोहोत दिल लगता है, और वो चाहता है की। पूरी रात ऐसे  ही इबादत करता रहे, बेशक अल्लाह की जितनी तारीफ की जाए कम है, हर इंसान रमजान में ज्यादा से ज्यादा इबादत करे जिससे अल्लाह उसके पिछले और अगले सारे गुनाह माफ आता फरमाए।

6. खुवाबो में दिखाया जाता है की आज की रात ही लैलातुलकदर है।

अल्लाह ने इस रात की जितनी फजीलते बताई है, और जितनी खूबसूरत ये रात है इसके साथ साथ अल्लाह ने अपने कुछ नेक बंदों को ये भी तौफाह दिया है, की उसके कुछ बंदों को ये पहले ही खुवाब में पता चल जाता है, की कौनसी रात लैलातुलकदर की होगी।

यह बोहोत ही बाबरकातो वाली रात है,अल्लाह हम सब को इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की तौफीक आता फरमाए।


Conclusion : – 

Lailatul Qadr Ki Nishaniyan और फजीलत बोहोत हैं, उसमे से जो खास निशानियां हैं, उनके बारे में आज हमने जाना है।लैलातुलकादार की ये छे निशानियां सबसे एहम मानी गई है,इन रातों को बोहोत खास और खूबसूरत रात बताया गया है और उसका जिक्र कुरान शरीफ में भी किया गया है।ये रात बोहोत अव्वल रातों में से है।

रमजान के आखरी अशरे में आने वाली ये खास तारीखों में से एक रात है लैलातिलकदर की रात। रमजान ऊल मुबारक

का पूरा महीना  बोहोत बरकतों वाला है, इस पाक महीने में अल्लाह ने बोहोत सी फजीलत बयान की है उसमे से सबसे खास है लैलातुलकदर को रातें।

अल्लाह हम सबको नेक बनाए और हम रमजान के इस पाक महीने में ज्यादा से ज्यादा अच्छे अमाल करने की तौफीक आता फरमाए।

आमीन


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