चैत्र माह की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। हर महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि विष्णु भगवान को प्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भक्त भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत भी रखते हैं। इस बार 23 अप्रैल, बुधवार को कामदा एकादशी पड़ रही है। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे हैं। ये दो शुभ योग की वजह से इस एकादशी का महत्व और अधिक हो जाता है।
- योग और वृद्धि योग
23 अप्रैल को एकादशी पर वृद्धि और ध्रुव योग बन रहे हैं। वृद्धि योग 22 अप्रैल शाम 5 बजकर 1 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और दोपहर 2 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग की शुरुआत हो जाएगी। ध्रुव योग अगले दिन तक बना रहेगा। कामदा एकादशी इस बार ध्रुव और वृद्धि योग में मनाई जाएगी। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार यह दोनों योग शुभ होते हैं।
- ध्रुव योग
ध्रुव योग में किसी भी तरह का स्थिर काम किया जा सकता है, लेकिन इस योग में अस्थिर कार्य नहीं करना चाहिए।
स्थिर कार्य- भूमि, भवन संबंधी कार्य
अस्थिर कार्य- वाहन खरीदना, इत्यादि।
- वृद्धि योग
वृद्धि योग में किसी भी तरह का शुभ कार्य किया जा सकता है। इस योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है। इस योग में किए गए कार्य बिना किसी विघ्न के पूरे हो जाते हैं।
कामदा एकादशी तिथि प्रारंभ- 21 अप्रैल 2021 रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से
कामदा एकादशी तिथि समाप्त- 23 अप्रैल 2021 को रात्रि 09 बजकर 47 मिनट
।
Homepage | Click Hear |