लखनऊ: कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के माध्यम से भेजे गए ऑक्सीजन टैंकर बुधवार को लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल पहुंचे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के संयोजक (संगठन) ललन कुमार ने बताया कि पार्टी ने लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में संपर्क कर पूछा था कि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत तो नहीं है, जिसके बाद प्रियंका ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहकर ऑक्सीजन का एक टैंकर लखनऊ के लिए बनाया। मेदांता अस्पताल में भिजित है। इस बारे में मेदांता लखनऊ के निदेशक डॉ। राकेश कपूर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन बंद रहा।
ललन कुमार ने बताया कि पार्टी विभिन्न अस्पतालों में संपर्क करके उनके पास ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ले रही है और अगर अस्पतालों के पास ऑक्सीजन की किल्लत है तो उनकी मदद की जा रही है। ऐसे अस्पतालों को कांग्रेस शासित राज्यों से ऑक्सीजन भेजी जाएगी। कुमार ने कहा कि इस मदद को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। कोविद -19 महामारी एक वैश्विक आपदा है और हम सभी को मिलकर इससे लड़ना होगा।
ज्यादातर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है- ललन कुमार
उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से अपेक्षा की कि वह पिछले साल प्रवासी श्रमिकों को उनके बोनस तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों की तरह ऑक्सीजन के टैंकरों को लेकर ‘ओछी सियासत’ नहीं करेगी।
कुमार ने कहा “उम्मीद है कि सरकार ऑक्सीजन रूपी प्राणवायु की किल्लत को दूर करने में किसी भी तरह के योगदान में रुकावट पैदा नहीं करेगी।” कुमार ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में को विभाजित -19 से उपजे हालात भयावह हैं लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री रोज़ाना ‘टीम 11’ की बैठक में कहते हैं कि राज्य में ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाओं और अस्पतालों में बिस्तर की कमी नहीं है लेकिन ऑक्सीजन और दवाओं के लिए मचे हाहकार से उनके इस दावे की कलई खुल जाती है। उन्होंने दावा किया कि लखनऊ में पूरे प्रदेश के ज्यादातर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है और बार-बार गुहार करने के बावजूद सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है।
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