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Genda ka Vaigyanik Naam Kya kya hai?

गेंदा का वैज्ञानिक नाम क्या है? जन्म, पर्यायवाची और उपयोग

Genda ka Vaigyanik Naam Kya kya hai? - गेंदा का वैज्ञानिक नाम क्या है?

by Sonal Shukla

दोस्तों, गेंदा एक ऐसा पुष्प है जो देखने में अत्यंत ही खूबसूरत, रंग-बिरंगा तथा खुशबूदार होता है। इसकी खुशबू या महक इतनी अच्छी होती है, कि आसपास यदि गेंदा का पुष्प हो तो, उसके होने का एहसास हमें आसानी से हो जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेंदा के फूल को सबसे पहली बार कब देखा गया था? और Genda ka Vaigyanik Naam क्या है ? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं।

क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि Genda ka Vaigyanik Naam kya hai? इसी के साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि Genda ke phool ke fayde क्या है? तो चलिए शुरू करते हैं और गेंदा के फूल के बारे में सारी बातें विस्तारपूर्वक जानते हैं-

गेंदा को सबसे पहली बार कब देखा गया | गेंदा का जन्म कब हुआ | Who Discover Tagetes? 

दोस्तों, गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है, जो साल के 12 महीने लगता है। लेकिन यह मूल रूप से गर्मियों में ज्यादा देखा जाता है। इसे  Herbaceous प्लांट कहा जाता है, और पौधों की प्रजातियों के अंतर्गत यह एक शाकाहारी पौधा है, जिसे आमतौर पर जानवर या इंसान के रक्त की आवश्यकता बड़े होने के लिए नहीं होती है।

गेंदा का पुष्प आमतौर पर छोटे  गुलजारे के फूल का  बड़ा अवतार माना जाता है।  गुलजारी तो पूछ पूछमूल रूप से एशिया में पाया जाता है। लेकिन गेंदा का पुष्प मूल रूप से अमेरिका के जमीन पर उगा हुआ पाया गया था।

लेकिन आज के समय गुलजारे (छोटा गेंदा) के पुष्प की कई प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाई जाती है। इसकी कई प्रजातियां जहरीली भी होती है, जो  जहर बनाने में काम आती है, और कुछ प्रजातीय जहर दूर करने के काम आती है।

गेंदा का अंग्रेजी में नाम क्या है? | Genda ka Angrezi me naam kya ha?

Genda ka Vaigyanik Naam Kya kya hai? - गेंदा का वैज्ञानिक नाम क्या है?

हिंदी को अंग्रेजी में  मारीगोल्ड(Marigold)  पुष्प के नाम से जाना जाता है।  मारीगोल्ड पुष्प आकार में 1 मीटर से 2 मीटर के जितना ऊंचा हो सकता है। इसके नुकीलेनुमा हरे पत्ते होते हैं और इसका पुष्प आमतौर पर सुनहरे रंग का, और नारंगी रंग का,  भूरे रंग का और मरून रंग का पाया जा सकता है।

इसे  टैगेट के नाम से भी जाना जाता है। यह टैगेट का पुष्प आमतौर पर 5 से 10 सेंटीमीटर के व्यास जितना  बड़ा हो सकता है।  हालांकि इसके जो 12 महीनों में लगते हैं उन्हें अधिक पसंद किया जाता है।

इसकी जड़े रेशेदार होती है तथा  इसका जो कम विकसित रूप जिसे गुलजार के नाम से जाना जाता है, वह  भारतीय मिट्टी में सर्वाधिक उपयुक्त तरीके से  बड़ा होता है।  टैगेट का  आयुर्वेदिक विज्ञान में भी बड़ा योगदान है।  यह पुष्पा आमतौर पर सर्दी और गर्मी दोनों सहने में सक्षम है।

गेंदा का वैज्ञानिक नाम क्या है? (Genda ka Vaigyanik Naam Kya kya hai?)

जिससे कि हम ने बताया कि  गेंदा के पुष्प को टैगेट के नाम से भी जाना जाता है, और टैगेट का विज्ञानिक नाम टैगेट(Tagetes) ही है।  इस आम भाषा में Etruscan Tages कहा जाता है,  जिसका अर्थ यह होता है कि  वह पुष्प जो पृथ्वी की जुताई से पैदा हुआ है।

इस नाम के पीछे इसके पुष्टि का विज्ञान है क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं यदि हमें गेंदा  के पुष्प के बीज प्राप्त करने हैं तो वह हमें गेंदा के पुष्प से ही प्राप्त हो जाते हैं,  अर्थात यदि गेंदा के पुष्प को तोड़ कर दिया जाए तो उसे  और कई गेंदा के पौधे पैदा हो जाते हैं।

गेंदा के पर्यायवाची शब्द क्या है

गेंदा के पुष्प  का पर्यायवाची शब्द मारीगोल्ड,  बड़ेगुलजार, टमाटर फूल, टैगेटस पेटुला, स्वर्ण महक   इत्यादि होता है। इन सभी नामों से गेंदा का पूछ तो पहचाना जाता है।

गेंदा के उपयोग क्या है | Genda ke fayde

आयुर्वेद विज्ञान में गेंदा के पुष्प के कई फायदे बताए गए हैं, आज के समय भारत में गेंदा का पुष्प सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला पुष्प है। यह गुलाब से भी अधिक मात्रा में पाया जाता है आमतौर पर हम गेंदा का उपयोग घर की सजावट करने में करते हैं।

लेकिन इसके फायदे केवल सजावट तक ही सीमित नहीं है। इसके सजावट के अलावा भी कई और फायदे हैं, जो हमने आपको नीचे बताया है-

  1. गेंदा के पुष्प का उपयोग कीड़े मकोड़ों को दूर करने में किया जाता है।
  2. इसका उपयोग सिरदर्द, सूजन, घाव को ठीक करना, दांत का दर्द ठीक करना, और त्वचा संबंधित समस्याओं के लिए भी औषधीय प्रयोग में किया जाता है।
  3. कई त्वचा विशेषज्ञ गेंदा के फूल का उपयोग त्वचा संबंधी विकारों को दूर करने में करते हैं। जैसे की त्वचा में सूजन आना, त्वचा की लालिमा ख़राब हो जाना, त्वचा की संवेदनशीलता, रूखापन, इसका सूजन कम करना, इसके लिए गुलजारे के पुष्प का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. गेंदे के पुष्प का उपयोग कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी किया जाता है। हालांकि केंद्र के पुष्प से  कैंसर पूरी तरह से दूर नहीं हो सकता है। लेकिन फिर भी एंटी इन्फ्लेमेटरी और कैंसर के निरोधात्मक गतिविधियों में गेंदा का उपयोग किया जाता है।
  5. गेंदा का पुष्प   फंगस  को दूर रखने में मदद करता है। गेंदा के पुष्प  के उपयोग से  जननांगों में होने वाले फंगस इंफेक्शन को दूर किया जाता है, और इससे पुरुषों के और महिलाओं के गुप्त अंगो में होने वाली खुजली पेशाब करते समय जलन रूखापन इन सब को दूर करने में मदद मिलती है।
  6. जैसा कि हम जानते हैं कि गेंदे की कई प्रजातियां जहरीली होती है लेकिन आमतौर पर गेंदा की सबसे फेमस प्रजाति जिससे  टैगेट के नाम से जाना जाता है, वह  विषाक्त पदार्थों को हटाने में काम करता है और शरीर में भी इससे विष दूर होता है।
  7. इसका उपयोग एंटीसेप्टिक के तौर पर किया जाता है। कुछ मामलों में यह एंटीओक्सिडेंट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।
  8. पीरियड्स के दिनों में यह तेज दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।  इसके लिए  गेंदा  के सूखे पुष्पों की चाय बनाकर पी जाती है।

इन सभी तरीकों से गेंदे के कई सारी उपयोग हम प्राप्त कर सकते हैं। इनके अलावा भी गेंदे के कई और उपयोग हैं जिनके लिए आप पतंजलि के आयुर्वेद ग्रंथ को पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि गेंदा का फूल क्या है, और सबसे पहली बार कब देखा गया। इसके अलावा हमने जाना  Genda ka Vaigyanik Naam kya hai?

हम आशा करते हैं कि गेंदे के पुष्प के बारे में आपको सारी जानकारी मिल चुकी होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल है जिसे आप पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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