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ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है? (green house prabhav kya hai)

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है? | green house prabhav kya hai

ग्रीन हाउस परिभाषा | green house prabhav kya hai samjhaie

by Sonal Shukla

नमस्कार दोस्तो, आज के समय ग्रीन हाउस प्रभाव इस दुनिया के सामने काफी बड़ी चुनौती है, तथा इसके कई नुकसान हमें देखने को मिल रहे हैं। दोस्तों क्या आप जानते है कि ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है, (green house prabhav kya hai) तथा किस तरह से यह है हमारे जीवन को प्रभावित करता है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है,(green house prabhav kya hai), हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है? (green house prabhav kya hai)

ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है? (green house prabhav kya hai)

अगर दोस्तों बात की जाएगी ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि यह एक प्रकार की प्राकृतिक घटना होती है। जिसके अंतर्गत किसी भी ग्रह या उपग्रह के वातावरण के अंतर्गत यदि कुछ गैसों की मात्रा बढ़ जाती है, तो उस ग्रह की औसत तापमान में लगातार वृद्धि होती जाती है।

ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी के तापमान को गर्म बनाए रखने के लिए अपनी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसा कि आपको पता होगा कि सूर्य से आने वाली कुछ किरणों को तो पृथ्वी के द्वारा अवशोषित कर दिया जाता है, जबकि कुछ कहने जब पृथ्वी से टकराकर वापस हमारे पृथ्वी के वातावरण में जाती है, तो वह कितने हमारे पृथ्वी के तापमान को गर्म रखने में मदद करती है। तो एक तरीके से देखा जाए तो ग्रीन हाउस प्रभाव के बिना इस पृथ्वी पर जीवन भी संभव नहीं है।

लेकिन आज के समय ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण है कार्बन डाइऑक्साइड गैस। कार्बन डाइऑक्साइड गैस लगातार हमारे वातावरण में बढ़ती जा रही है, क्योंकि आज के समय इंसानों ने इस पूरी पृथ्वी के चक्कर को ही हिला कर रख दिया है। लगातार कारखानों से निकलने वाला कचरा तथा उससे निकलने वाली गैस इस पर्यावरण को दूषित कर रही है, इन सभी देशों की सूची में सबसे ऊपर कार्बन डाइऑक्साइड गैस का नाम शामिल है। और इस कार्बन डाइऑक्साइड गैस के चलते हमारे पृथ्वी का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है।

ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के नुकसान

जैसा कि आपको पता होगा, कि ग्रीन हाउस के चलते तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिस कारण हमें कई नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। तापमान में लगातार वर्दी होने के कारण ग्रीष्म काल में तापमान काफी तेज हो जाता है कई जगहों पर यह तापमान 48 डिग्री से लेकर 52 डिग्री तक पहुंच जाता है, जिसके अंतर्गत आप बाहर निकलने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। तो यह बढ़ता हुआ तापमान लगातार समस्याएं पैदा कर रहा है।

इसके अलावा बढ़ते हुए तापमान का आपकी आंखों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है, कई चरण में लोगों की समस्याएं बढ़ रही है, इसके अलावा इसका सीधा प्रभाव आपकी हेल्थ पर पड़ रहा है, यानी कि तापमान में वृद्धि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है।

इन सभी के साथ तापमान में हो रही वृद्धि के कारण अंटार्कटिका महाद्वीप के ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं, इसके अलावा हिमालय के लगातार ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, जिसके कारण समुद्रों का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है अगर आने वाले समय में इस पर अगर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है, तो तटीय क्षेत्रों में बसे हुए शहर कई जगह से डूब जाने वाले हैं। क्योंकि लगातार बड़े-बड़े ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत करोड़ों क्यूबिक टन पानी मौजूद है।

ग्रीन हाउस प्रभाव से बचने के उपाय:-

दोस्तों इस बढ़ते हुए ग्रीन हाउस प्रभाव को निम्न कुछ तरीकों से रोका जा सकता है :-

1. इस प्रभाव को रोकने के लिए आपको अपने चारों तरफ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने हैं, क्योंकि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं, तथा उस को ऑक्सीजन में बदल देते हैं। तो इसके अंतर्गत हमको एक बड़ा एक्शन लेना है, और अपने चारों तरफ पेड़ लगाने हैं, इसके अलावा हमारी सरकार को भी इस कार्य में हमारे साथ देने की जरूरत है।

2. ग्रीन हाउस प्रभाव से बचने के लिए हमें ऐसी चीजों पर प्रतिबंध लगाने की सख्त जरूरत है, जिनसे कार्बन डाइऑक्साइड काफी मात्रा में निकलती है। जैसे कि कोयले से बनने वाली बिजली को कम किया जा सकता है, तथा सोलर एनर्जी पर ज्यादा निर्भर किया जा सकता है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों का इस्तेमाल न करके सीएनजी की गाड़ियों का या फिर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जा सकता है।

3. इसके अलावा हमें अपने चारों तरफ की नदियों को तथा समुद्रों को लगातार साफ रखना है। इसके अलावा यदि आप किसी भी नदी या समुद्र के पास जाते हैं, तो आपको वहां पर कोई भी कचरा नहीं बहाना है।

4. हमें अधिकांश कारखानों के अंतर्गत निकलने वाले कचरे को दोबारा से इस्तेमाल करना है, नहीं कि उनको नदियों के अंदर या फिर समुद्रों के अंतर्गत बहा देना है।

5. इसके अलावा हमें अपने खेतों के अंतर्गत कीटनाशक का छिड़काव कम से कम करना होगा।

तो दोस्तों इन कुछ तरीकों का इस्तेमाल करके हम ग्रीन हाउस प्रभाव की समस्या से बच सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है,(green house prabhav kya hai), हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत ग्रीन हाउस प्रभाव से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि ग्रीन हाउस प्रभाव क्या होता है, आज के समय इसके चलते पूरी दुनिया को किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तथा इन समस्याओं का निवारण किस तरीके से किया जा सकता है।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

ग्रीनहाउस का क्या अर्थ है?

ग्रीनहाउस एक संरचना है जिसमें विभिन्न प्रकार की आवरण सामग्री होती है जैसे कांच या प्लास्टिक की छत और अक्सर कांच या प्लास्टिक की दीवारें; यह गर्म हो जाता है क्योंकि सूर्य द्वारा भेजी जा रही दृश्य सौर विकिरण को पौधों, मिट्टी और इमारत के अंदर की अन्य चीजों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। इस विकिरण के लिए कांच पारदर्शी है।

ग्रीनहाउस प्रभाव के प्रभाव क्या हैं?

तटीय शहरों की बाढ़, उपजाऊ क्षेत्रों का मरुस्थलीकरण, ग्लेशियरों का पिघलना और विनाशकारी तूफानों का फैलना इसके कुछ मुख्य परिणाम हैं।

ग्रीन हाउस गैस कौन सी है?

ग्रीनहाउस गैसें ग्रह के वातावरण या जलवायु में परिवर्तन और अंततः ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें से अधिकांश उत्सर्जन कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन आदि का उत्सर्जन करता है। कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पिछले 10-15 वर्षों में 40 गुना बढ़ गया है।

ग्रीन हाउस में सब्जी उगाने की विधि को क्या कहते हैं?

ग्रीन हाउस” के तहत सब्जियां उगाने को वेजिटेबल फोर्सिंग के रूप में जाना जाता है।

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