Home » विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या है?
vishwavidyalay anudan aayog ke vartman adhyaksh kaun hai

विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या है?

What is the objective of University Grants Commission in Hindi?

by Sonal Shukla

नमस्कार दोस्तो, यदि आप शिक्षा के अंतर्गत रुचि रखते हैं, तो आपने विश्व अनुदान आयोग के बारे में तो जरूर सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या है।(vishwavidyalay anudan aayog ke uddeshy likhiye), यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाले हैं, कि विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या है, इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।

विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या है? (vishwavidyalay anudan aayog ke uddeshy likhiye)

विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के उदेश्य लिखिए

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा अपनी कार्यप्रणाली को वितरित करते हुए अलग-अलग राज्यों की आवश्यकता अनुसार सात राज्यों के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया था। इन कार्यालय को खोलने की पिक्चर बताइए नवस्थापित करने के पीछे का उद्देश्य लक्ष्य विकेंद्रीकरण किया विनय तथा यह सुनिश्चित करना था कि देशभर के अंतर्गत जितने भी महाविद्यालय कितने विश्वविद्यालय हैं, उनके अंदर सही तरीके से शिक्षा का समन्वय हो रहा है, या फिर नहीं हो रहा है।

अगर आसान भाषा में बात की जाए तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को स्थापित करने के पीछे का प्रमुख उद्देश्य यही था, कि देश भर में अलग-अलग विश्वविद्यालय को सही तरीके से चलाया जा सके, तथा उनके कार्य पर निगरानी रखी, जा सके कि सभी विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी अलग-अलग प्रकार कार्य सही तरीके से हो रहे हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कार्य क्या होता है?

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रमुख कार्य निम्न प्रकार से है:-

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का सबसे पहला तथा सबसे प्रमुख कार्य यह होता है, कि अलग-अलग विश्वविद्यालयों के अंतर्गत शिक्षा को सही तरीके से चलाया जा सके तथा शिक्षा का समन्वय किया जा सके।
  • विश्वविद्यालयों के अंतर्गत अध्यापन, परीक्षाओं एवं अलग-अलग प्रकार के अनुसार धन के मानकों को निर्धारित करना तथा सुरक्षित करना इसका एक प्रमुख कार्य है।
  • शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर विनियम तैयार करना भी विश्वविद्यालय अनुदान का एक प्रमुख कार्य है।
  • अलग-अलग संघ तथा राज्य सरकार एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में अलग-अलग प्रकार की सेवाएं प्रदान करना भी इसका एक प्रमुख कार्य है।
  • विश्वविद्यालय के अंतर्गत शिक्षा में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने तथा उनके विषय में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार को जानकारी देने का कार्य भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का ही होता है।

यूजीसी के विभिन्न स्वायत्त केंद्र

  • इन्टर यूनिवर्सिटी एक्सीलरेटर सेंटर (पूर्व-न्यूक्लियर साइंस सेंटर)
  • इंटर यूनिवर्सिटी सेन्टर फॉर एस्ट्रोनॉमी एण्ड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) पुणे, महाराष्ट्र
  • यूजीसी-(DAE) कंसोर्शियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च (1989)
  • कसोर्शियम फॉर एजूकेशनल कम्यूनिकेशन (CEC) (1991)
  • सूचना एवं पुस्तकालय संचार तंत्र (INFLIBNET)
  • अंतरराष्ट्रीय अध्ययन का अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र (IUCIS)
  • राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC)

निष्कर्ष

तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उद्देश्य क्या थे, (vishwavidyalay anudan aayog ke vartman adhyaksh kaun hai), इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना क्यों की गई?

स्वतंत्रता के तुरंत बाद, “भारतीय विश्वविद्यालय शिक्षा पर रिपोर्ट करने और देश की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप वांछनीय सुधार और विस्तार का सुझाव देने के लिए” डॉ. एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में 1948 में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग की स्थापना की गई थी। .

भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना किसने की?

नतीजतन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का औपचारिक उद्घाटन 28 दिसंबर 1953 को तत्कालीन शिक्षा, प्राकृतिक संसाधन और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री स्वर्गीय श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा किया गया था।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment