शनि प्रदोष व्रत 2021: हिंदू धर्म या सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अति मंगलकारी माना गया है। इस व्रत का विधि विधान से पूजा करने पर भगवान शिव की कृपा होती है। वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत शनिवार, 8 मई 2021 को होगा। इस दिन के बाद से शनिवार को इस के लिए यह प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह शनि प्रदोष व्रत होने के कारण इसकी महत्वाकांक्षा और बढ़ा हुआ है। इस दिन शनि देव के अलावा भगवान शिव की भी पूजा की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन शनि देव को काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द की दाल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस व्रत का विधि-विधान से पूजा करने पर शिव कृपा से धन की वृद्धि होती है और मनोकामना पूरी होती है। पुराणों में कहा गया है कि प्रदोष व्रत से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
शनि प्रदोष व्रत पर है बन गया रहा है प्रीति योग
ज्योतिष के अनुसार, इस शनि प्रदोष व्रत प्रीति योग में रखेंगे। प्रीति योग में शनि प्रदोष व्रत रखने मेल-मिलाप बढ़ाने, प्रेम विवाह करने और अपने रूठे दोस्तों को मनाने में सफलता मिलती है। इस व्रत को रखने से बिगड़े काम बन जाते हैं। यह योग झगड़ों से समझौते करने या इसे निपटाने के लिए भी सबसे अच्छा माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य से मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा का समय–
- त्रयोदशी तारीख शुरुआत– 08 मई 2021 शाम 05 बजकर 20 मिनट से
- त्रयोदशी तारीख समाप्त हो गया– 09 मई 2021 शाम 07 बजकर 30 मिनट।
- पूजा समय– 08 मई शाम 07 बजकर रात 09 बजकर 07 मिनट
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