वरूथिनी एकादशी 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 07 मई को पड़गी। इसे वरूथिनी एकादशी भी कहते हैं। जबकि वैशाख मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 8 मई को है। इस दिन शनिवार को यह पद रहा है। आइये जानें वरूथिनी एकादशी व्रत और शनि प्रदोष व्रत।
जब रख लिया होगा वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के मुताबिक़, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति थि का प्रारंभ 06 मई दिन गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से हो रहा है। वहीं इसका समापन अगले दिन 07 मई को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर होगा। हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक, एकादशी की उदयव्यापिनी तिथि 07 मई को प्राप्त हो रही है, तो ऐसे में एकादशी व्रत अर्थात वरुथिनी एकादशी का व्रत 07 मई दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।
वरुथिनी एकादशी का अधिकार
जो लोग एकादशी का व्रत बने रहते हैं और वरुथिनी एकादशी का व्रत रखते हैं। वे अपने व्रत का पारण 8 मई को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक कर लेना चाहिए। क्योंकि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि के समापन के पहले कर लेना चाहिए। त्योदशी तिथि में एकादशी व्रत का पारण अशुभ होता है।
वरुथिनी एकादशी का परिवेश:
वरुथिनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। और जो लोग नियम पूर्वक वरुथिनी एकादशी व्रत करते हैं। उन पर भगवान विष्णु की अति कृपा होती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा से उनके सभी पापों का नाश हो जाता है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के पश्चात एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
- वैशाख महीना, कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी तारीख– 08 मई 2021 दिन शनिवार
- वैशाख कृष्ण त्रयोदशी आरंभ- 08 मई 2021, शनिवार, शाम 5 बजकर 20 मिनट
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