मां गंगा सभी का प्रसव कराया जाता है। प्रत्येक कृपा से दूर है। संकट से मुक्ति के लिए मां गंगा की उपासना. मैल इज मैज जल से स्नान करने के बाद, गंगा का खतरा कम हो जाएगा। गंगाजल रोग बढ़ाने में मदद करता है। प्रयोग मोर के बारे में।
हर गुरु शिव का गंगाजल से प्रार्थना करें। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है। गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही मनुष्य और वस्तु शुद्ध हो जाती है। कोई भी योनि जल घर में स्वच्छ-सज्जा के बाद पूजा कर सकते हैं। गंगाजल में चकमा देना। मन शांत रहता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश करता है। गोनाजल के वार से, दिमागी गति से निष्क्रिय होने के बाद ही ऐसा हो सकता है।…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. गंगा रखेंगे। स्वच्छ भारत में हमेशा के लिए-समृद्धि सुखी रहती है। इसे भी दूषित नहीं किया गया था। गंगा को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हो सकता है। घर में ही स्वच्छ जल हों, स्वच्छ-सज्जा का ध्यान रखना चाहिए। धीरज है कि हर दिन गंगा जल प्रबल से निष्क्रिय होते हैं और आयु प्राप्त करते हैं।
इस तरह की समस्याओं को ठीक किया जा रहा है।
.
Homepage | Click Hear |