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ऐसा क्या हुआ कि शादी के पांच घंटे बाद ही दुल्हन की हो गई मौत, पति को देनी पड़ गई मुखाग्नि

by Sneha Shukla

ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते बारातियों के साथ दूल्हा अपने हमसफर को लेने के लिए निकल गए थे। बारात लड़की वालों के यहां पहुंच गई। लड़की वालों ने बारातियों की आवभगत शुरू कर दी। खाने-पीने के बाद सात फेरे और सिंदूरदान की रश्मी हुईं। अब बारात दुल्हन के पीछे जाने को तैयार थी, तभी दुल्हन के साथ अचानक घटी एक घटना ने कहा शादी वाले घर में हड़कंप मचा दिया। कुछ ही देर में शादी की खुशियों की जगह आंसुओं की धारा बहने लगी। यह धारा खुशी की नहीं बल्कि गमों की थी। हर आंख नम थी। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था जिसने कुछ घंटे पहले सात फेरे के लिए अब वह दुनिया में नहीं है। जिसके साथ जीवन भर साथ रहने की कसमें खाईं उसकी मौत से दूल्हा भी बदहवास था। लोगों की आँखों से आंसुओं की धारा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। लड़की के परिवार वालों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। घटना वास्तव में हृदयविदारक थी। जिसने भी इस मंजर को देखा और सुना झकझोर कर रख दिया। उधर जब लड़के वालों के घर पर दुल्हन की मौत की खबर पहुंची तो वहां भी मातम छा गया।

मामला बिहार के मुंगेर जिले का। आठ मई को अफजल नगर पंचायत के खुदिया गांव में रंजन यादव उर्फ ​​रंजय के घर बेटी निशा कुमारी की शादी थी। शादी की खुशियों को लेकर घर में उत्साह था। बेटी की दुल्हन के जोड़ने में देखने के लिए सभी बेताब थे। आखिरकार वह घड़ी भी आ गई। हवेली खड़गपुर प्रखंड के महकोला गांव से सुरेश यादव के बेटे रवीश की बारात आई। इसके बाद सभी रस्में पूरी की गईं। सात फेरे शुरू हो गए। इसके बाद सिंदूरदान की रस्मै की गई, तभी अचानक दुल्हन की तबीयत बिगड़ गई। शादी के पांच घंटे बाद ही दुल्हन की हालत बिगड़ने से हड़कंप मच गया। आनन-फानन परिवार वाले लड़की को लेकर भागलपुर के प्राथमिक अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने लड़की का इलाज शुरू किया। कुछ देर इलाज चलने के बाद डॉक्टरों ने लड़की को मृत घोषित कर दिया।

दुल्हन की शक्तियों के बारे में शमशान घाट पहुंच गया
शादी के महज पांच घंटे बाद ही दुल्हन की मौत से घर में मातम छा गया। शादी की खुशियां पूरी तरह से काफूर हो गईं। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नई नवेली दुल्हन की खबर से दूल्हा भी बदहवास हो गया। दुल्हन बनी मार्कर की मौत ने पूरे गांव को रुलाकर रख दिया। बदहवास दूल्हे के सामने अजीब विडम्बना थी कि दुल्हन को घर ले जाने के बजाए उसे शमशान लेकर जाना पड़ा। पति-पत्नी का सामाजिक, पारिवारिक दायित्व ग्रहण करने वाले पति रवीश कुमार ने पत्नी निशा को मुखाग्नि दी। सुल्तानगंज स्थित श्मशान घाट पर घटे इस वाक्ये को देखकर कोई भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया।

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