शनि देव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शनि देव जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। अगर शनि देव प्रसन्न होते हैं तो सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और तरक्की भी हो जाती है। वहीं जन्म कुंडली में शनि की कुदृष्टि होने से बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं और एक के बाद एक देवी देवताओं का सामना करना पड़ता है। जानिए शनि देविन लोगों पर डालते हैं अपना बुरा असर-
धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर में स्वच्छ-सफाई न होने और चीजों के अस्त-व्यस्त पड़े होने से भी शनि की प्रतिकूलता बढ़ रही है। जो व्यक्ति झूठ बोलते हैं, दूसरों के साथ गलत बर्ताव करते हैं और माता-पिता का अपमान करते हैं। उन लोगों पर भी शनि देव अपनी कृपा नहीं बरसाते है। ऐसे लोगों को शनिदेव के प्रभाव के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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हर दिन जिन-पान करने वालों को खासतौर पर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन। ऐसे लोगों पर शनिदेव की बुरी दृष्टि पड़ने की संभावना प्रबल होती है। पूर्णिमा प्रदोष व्रत, एकादशी, चतुर्थी और अमावस्या के दिन मांस-मदिरा खाने और पीने वालों पर भी शनिदेव अपनी कुंड डालते हैं।
कमजोर, महिला या गरीब का हक छीनने वालों पर भी शनि देव बुरा असर डालते हैं। कहा जाता है कि धर्म, देवता, मंदिर और गुरु का अपमान करने वालों पर भी शनि ग्रह की प्रतिकूलता बढ़ रही है। जिसके कारण ऐसे लोगों को मानसिक तनाव व सेहत संबंधी विकारों का सामना करना पड़ता है।
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शनि देव को कैसे करें प्रसन्न-
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए जीवन में हर काम को ईमानदारी से करें और बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें। शनिवार के दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें। इसके अलावा शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं। सूर्योदय से पूर्व उठे और भगवान शंकर की भी विधि-विधान से पूजा करें। शनि देव के मूल मंत्र ं शं शनैश्चराय नमः का जाप करने से लाभ होता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते हैं कि ये पूर्णतया सत्य और सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
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