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ऑक्सीजन ऑडिट कराने पर SC आज दे सकता है आदेश, कोर्ट में आज इन बड़े मामलों पर जारी रहेगी सुनवाई

ऑक्सीजन ऑडिट कराने पर SC आज दे सकता है आदेश, कोर्ट में आज इन बड़े मामलों पर जारी रहेगी सुनवाई

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की रोकथाम और इलाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में ट्रायल जारी है। किसी राज्य में ऑक्सीजन को लेकर परीक्षण हो रहा है तो किसी राज्य में बिस्तर को लेकर तो किसी राज्य में दवाओं को लेकर हाई कोर्ट की लगातार सरकार से सवाल पूछना है। इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली और अन्य राज्यों का ऑक्सीजन ऑडिट कराने पर आदेश जारी कर सकता है।

इस मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली को 730 टन और टन ऑक्सीजन दिया गया है, जो कि मांग से बहुत ज्यादा है। केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन उठा नहीं पा रही है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इससे टैंकर भी दिल्ली में ही फंस रहे हैं।

ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर केंद्र ने मांग की थी कि दिल्ली में ऑक्सीजन की जरूरत और वितरण की व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए। इस दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि दिल्ली की अधिक मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों के ऑक्सीजन की कटौती करनी पड़ रही है। & nbsp;

दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमे

वहीं कोरोनावायरस से उपजे हालात को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में आज लगातार सत्रवें दिन सुनवाई होगी। आज होने वाली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार कोर्ट में बताएगी कि उन्होंने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की है।

इसके अलावा दिल्ली के अस्पतालों में बेडों की कमी के मुद्दे पर हाईकोर्ट में परीक्षण जारी रहेगा। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को लेकर एपिसोड टिप्पणियाँ करते हुए कहा था कि दिल्ली में स्वास्थ की बदहाली की कलई खुल गई है और इसके चलते ही मरीजों को इलाज मिलने में दिक्कत आ रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को लेकर शुतुरमुर्ग की तरह बर्ताव करने की टिप्पणी भी की थी।

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रायल

वहीं उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कोरोना को लेकर ट्रायल जारी है। आज होने वाली सुनवाई में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। 3 दिन पहले हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने यूपी में ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत पर गहरी नाराजगी जताई थी और यहां तक ​​कह दिया था कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतें आपराधिक कृत्य हैं और यह नरसंहार की तरह हैं।

आज की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को अस्पतालों में बेडों की स्थिति, ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था और दवाओं और इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में हरीरा पेश करना होगा।

इसके साथ ही पंचायत चुनावों की मतगणना में। कॉविड प्रोटोकॉल का पालन ना होने पर 8 जिलों के काउंटिंग सेंटर्स की सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट में पेश की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग को कोर्ट में यह जानकारी भी देनी होगी कि मतगणना के दौरान सोशल डिजनेंसिंग की धज्जियां उड़ाने के लिए। जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ उसने क्या कार्रवाई की है। आज की सुनवाई में कोर्ट में हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस वीके श्रीवास्तव की मौत के बारे में भी कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।

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