प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बेहद खराब हैं। राज्य के तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों ने दम तोड़ दिया है। चारों ओर हाहकार की स्थिति है। इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने इस संबंध में कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से कोरोना पीड़ित रोगियों की मौत एक आपराधिक कृत्य है। यही नहीं, अदालत ने सख्त सख्त लहजे में कहा कि, ये उन लोगों द्वारा किया गया नरसंहार है, जिन पर ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
ऑक्सजीन की कमी से लगातार हो रही मौतें हैं
गौरतलब है कि, यूपी में संक्रमण से मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है। कई मामलों में ऑक्सीजन का लेवल गिरता जाता है और उन्हें बचाने के लिए आक्सीजन की आवश्यकता होती है। चूंकि, राज्य के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और दूसरी ओर ऑक्सीजन गैस की मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसके कारण अस्पतालों में रोगी जान गंवा रहे हैं।
अस्पतालों में ऑक्सीजन की गैर-आपूर्ति के लिए कोविद रोगियों की मृत्यु एक आपराधिक कृत्य है और उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की निरंतर खरीद और आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए कार्य सौंपा गया है: इलाहाबाद उच्च न्यायालय
– एएनआई (@ANI) 4 मई, 2021
बीट 24 घंटे में 25,858 नए मामले
वहीं, यूपी में कोरोना संक्रमण के बीते 24 घंटे में 25,858 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा इस दौरान 352 लोगों की मौत भी हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 2,72,568 हो गई है। वहीं, कुलीनों की संख्या अब 13,68,183 पहुंच गई है। वहीं मृतकों का आंकड़ा 13,798 हो गया है।
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