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केंद्र सरकार ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन का है मामला

केंद्र सरकार ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन का है मामला

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> दिल्ली में कोरोना से बिगड़े कारणों, ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेडों की कमी और दवाइयों की कमी के मुद्दे पर आज लगातार 12 दिन भी हाईकोर्ट में परीक्षण जारी हो रहा है। वैसे तो आज रविवार था और आमतौर पर कोर्ट में छुट्टी रहती है लेकिन आज की सुनवाई केंद्र सरकार की तरफ से दायर की गई कि अर्जी पर हुई जिसमें केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से शनिवार के आदेश में बदलाव की मांग की थी। < पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट ने शनिवार को जो आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली को उसके कोटे की 490 मिलियन टन ऑक्सीजन देना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। साथ ही किसी भी सूरत में वह ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुंच गया और ऐसा नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना ​​की कार्रवाई करने पर विचार कोर्ट कर रही है।

ऑक्सीजन को प्लांट से मंगाने का काम राज्य सरकारों का है

केंद्र सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट का ये आदेश सही नहीं है क्योंकि केंद्र का काम राज्यों के लिए ऑक्सीजन का कोटा तय करने का है जबकि ऑक्सीजन को प्लांट से मंगाने का काम राज्य सरकारों का है। छोटे से छोटे राज्य अपनी ऑक्सीजन खुद ही मंगा रहे है जबकि दिल्ली के साथ कठिनाई यह है कि उसके पास ऑक्सीजन मंगाने के लिए टैंकर नहीं है और इस कारण से यह किल्लत हो रही है।

केंद्र सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश से पूरे देश में अजीब से हालात बन सकते हैं क्योंकि फिर हर एक राज्य केंद्र सरकार से ही ऑक्सीजन राज्य तक पहुंचाने की मांग करेगा जो सही नहीं होगा। कोर्ट ने वर्तमान में अपने शनिवार के आदेश पर कोई रोक तो नहीं लगाई लेकिन केंद्र की अर्जी पर अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब देने को कहा है।

रविवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि हमारे लिए देश के सभी राज्यों का ध्यान रखना जरूरी है। हम दिल्ली को पूरी तरह से मदद के लिए तैयार हैं। शनिवार को कोर्ट ने जो अवमानना ​​की कार्रवाई की बात की थी उसको लेकर & nbsp; केंद्र सरकार के वकील ने हाइकोर्ट से कहा कि स्थिति को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को कोर्ट ने कहा था कि केंद्र दिल्ली को हर हालत में 490MT ऑक्सीजन दे नहीं दी जाएगी। केंद्र ने कहा कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं दूसरी तरफ (दिल्ली सरकार) की ओर से भी उसी तरह का सहयोग मिलना ज़रूरी है।

दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सेशन नहीं मिली- दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि आज तक दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सिजन नहीं मिली। दिल्ली सरकार ने कहा कि अब तो अधिकारी उपराज्यपाल के अधीन आ गए हैं 27 अप्रैल के नोटिफिकेशन के बाद। दिल्ली सरकार ने कहा कि जैसा मुमकिन है हम टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं पर अभी के माहौल में टैंकर मिलने में दिक्कत आ रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑक्सिजन की तरह ही देश भर में टैंकर को भी केंद्र अपने अधीन ले और जरूरत के हिसाब से राज्यों को दें। दिल्ली सरकार ने कहा कि बाकी राज्यों को इस कारण से समस्या नहीं हुई है कि उन्होंने जैसा पूछा उससे मिला।

इस बीच दिल्ली सरकार के वकील ने केंद्र सरकार के ऊपर पक्षपात पूर्ण रवैया का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार केंद्र ने कहा कि केंद्र ने हमारी ऑक्सिजन सप्लाई को प्रभावित किया है, हमारे टैंकरों को ऑक्सिजन नहीं मिल रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने 7 टैंकर का इंतज़ाम किया, 133MT की सप्लाई इसके जरिये हम सुनिश्चित कर पा रहे हैं। दिल्ली सरकार के वकील ने सवाल पूछा केंद्र ने 100 एमटी और दी है क्या उसके लिए केंद्र मदद नहीं कर सकता है। अंत में दिल्ली के लिए केंद्र कुछ क्यों नहीं कर सकता।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने टैंकर को लेकर अडानी से बात की है लेकिन लिंडे की तरफ से उस पर आपत्ति दर्ज करवा दी गई। कहा गया कि यह टैंकर ऑक्सीजन लाने ले जाने के लिए ठीक नहीं है। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगर कोई अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा है तो केंद्र के पास उनके तबादले का अधिकार है इससे पहले भी ऐसा होता रहा है तो अब केंद्र को व्हेन रोका है।

दिल्ली को इतनी दिक्कत टैंकर को लेकर क्यों आ रही है

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार के साथ जो अधिकारी काम कर रहे हैं वह दिन रात काम करने में लगे हुए हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी को बताया गया कि 8 टैंकर के इंतजाम को लेकर एक बैठक है, लेकिन वह बैठक में नहीं आई। केंद्र सरकार ने कहा कि यहां पर आरोप प्रत्यारोप की बात नहीं है लेकिन अगर लक्षदीप तक अपने लिए टैंकर का इंतजाम कर सकता है तो दिल्ली को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है।

केंद्र सरकार ने कहा कि यह एक प्रणाली में बड़ी खामी है जिसके कारण बार-बार कठिनाईयों आ रही है कई बार अस्पताल जब ऑक्सीजन खर्च होने वाली होती है तो उसे कुछ देर पहले कोर्ट का दरवाजा खटखटा आते हैं और उसके बाद शुरू होने से आखिरी मिनटों में होता है। का ऑक्सीजन का इंतजाम करने की कोशिशें। क्या ऐसा नहीं हो सकता है कि अस्पताल काफी देर पहले ही इस बात की जानकारी दे दें कि उनके पास बहुत देर की ऑक्सीजन है, जिसकी आखिरी जगह पर ऑक्सीजन के लिए भाग लेने के लिए ना करना पड़े।

हालांकि केंद्र सरकार के वकील ने साफ किया कि सिस्टम फेल होने का मतलब यह नहीं है कि सरकार फेल हो रही है। केंद्र सरकार के वकील ने फिर कहा कि सिस्टम पहले को लेकर जो उन्होने बात कही है उसका मतलब राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। सिस्टम फैलियर का मतलब यह नहीं है कि राजनीतिक नेतृत्व फेल हो गया।

सैकड़ों हजारों लोगों की जान को बचाने की कोशिश में लगे हैं- कोर्ट

केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील की तरफ से हाई कोर्ट को जो जानकारी दी गई है उसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कहा है कि वह गुमराह करने वाली है। केंद्र सरकार ने कहा कि जरूरत को देखते हुए 3 दिन पहले का प्लान बनाना जरूरी है, जिससे उस को भी पता हो कि कितनी ऑक्सीजन कहां भेजनी है। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि कहीं ना कहीं कुछ तो समस्या है जिसकी वजह से इतनी परेशानी हो रही है ऐसे में विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस समस्या को दूर करना चाहिए। बाकी राज्यों ने भी इसी तरह से अपनी दिक्कतों को दूर किया है।

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि रही बात टैंकर को पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन ले लेने की तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि टैंकर का इंतजाम अलग अलग राज्य अपनी जरूरत के हिसाब से और उपलब्धता के हिसाब से कर रहे हैं। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि वह टैंकर का इंतजाम करें रही बात केंद्र की मदद की तो केंद्र हमेशा ही मदद के लिए तैयार है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने केंद्र को भी मदद के लिए चिट्ठी लिखी है लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता है कि दिल्ली सरकार कोशिश नहीं कर रही है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बीच-बीच में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो जाता है वह भी तब जब हम हजारों लोगों की जान को बचाने की कोशिश में लगे हैं। हाइकोर्ट ने कहा कि दिल्ली की स्थिति बहुत अलग है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर यह भी कहा है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की स्थिति अलग है जो कि संवैधानिक तौर पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है।

इस बीच केंद्र सरकार के वकील ने अलग-अलग राज्यों को भेजी गई ऑक्सीजन का विस्फोटकरा कोर्ट के सामने रखा। केंद्र सरकार के वकील ने एक बार फिर से दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है पर जरूरी यह है कि उस ऑक्सीजन का सही से इस्तेमाल हो जाए तो जानकारी दी जाए कि कितने ऑक्सीजन की जरूरत है जिससे की आखिरी मौके पर होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता है।

ऑक्सीजन का इस्तेमाल सरकार नहीं बल्कि डॉक्टर करते हैं- केंद्र सरकार के वकील

केंद्र सरकार के वकील की इस दलील पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल सरकार नहीं बल्कि डॉ। करते हैं। केंद्र सरकार के वकील क्या कहना चाहते हैं कि क्या डॉक्टर ऑक्सीजन का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि रही बात सिस्टम फेलियर की तो वह केंद्र की तरफ से है क्योंकि केंद्र सरकार ने दिल्ली का कोटा तो तय कर दिया लेकिन यह नहीं देखा कि वह ऑक्सिजन दिल्ली तक पहुंचेगी कैसे

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने फैसले से कहा कि हमको हर 2 घंटे पर टैंकरों की मौवमेंट की जानकारी दी जाए लेकिन सरप्लायर्स ने उसने देने से मना कर दिया। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमें जरूरत को देखते हुए यह जरूर कहा गया कि 10 मई तक 976 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी यह भी नहीं कहा गया कि हमको एक हजार मैट्रिक टन चाहिए। इसी तरह केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार को केरल का मॉडल एडॉप्ट करना चाहिए।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कल रात तक दिल्ली को 454 मिलियन टन ऑक्सीजन मिला है जिसमें से 32 मीट्रिक टन हरियाणा ने दिल्ली को दी है। जैसा कि ऑक्सीजन दिल्ली को मिला था, लगभग सभी उपयोग किया गया है।

कोर्ट को जानकारी दी गई कि पिछले 3 दिनों के दौरान दिल्ली को 400MT से ज्यादा ऑक्सीजन दी गई है जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम को इस बात से मतलब नहीं है कि बहुत ऑक्सीजन रास्ता महत्वपूर्ण है में यह है कि अभी तक दिल्ली तक पहुंच गई है । दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाकी सभी राज्यों में इस तरह की समस्या नहीं आ रही है, क्यों !! उसकी वजह यह है कि उन सभी राज्यों को उनकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिल रही है।

कोर्ट ने कहा कि किसी की भी मांग पूरी तरह से पूरी नहीं हो रही है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को जो 490 मिलियन टन ऑक्सीजन मिल रही है, जब उन्हें मिल नहीं रही है तो वह आपको कैसे देगी।