<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> केरल में कोविद 19 मामलों में भारी उछाल के बीच अस्पताल के बिस्तर के साथ साथ एम्बुलेंस की मांग भी बढ़ गई है। ज्यादा मरीज होने की वजह से समय पर एकर्न्स नहीं मिल पा रही है और लोग दर्रा भटक रहे हैं। इस विकट स्थिति में कोच्चि में रहने वाले नजीब वेल्लक्कल ने अपनी गाड़ियों को ही एकर्न्स में तब्दील कर दिया है। वास्तव में नजीब टेंपो किंगर के मालिक हैं और इसकी गाड़ियां धार पर चलती हैं, लेकिन इस महामारी में उन्होंने लोगों की मदद करने का फैसला किया है।
उनकी इस सोच की सराहना कोच्चि के मेयर और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने की और उन्हें पूरा समर्थन देने का वादा भी किया। नजीब ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उसका एक कर्मचारी को विभाजित का शिकार हुआ तब उसके साथ उसके घर के बारे में जाने के लिए कोई एगारेंस नहीं मिला, जिसके बाद थक हार कर नजीब ने अपनी एक गाड़ी को एपरेंस बना कर कर्मचारी के साथ उसके घर पलक्कड़ तक भेज दिया। पहुंचाया था।
कैसे टेंपो बनी एपरेंस ?
नजीब ने टेंपो को एकर्न्स का रूप देने के लिए सबसे पहले गाड़ी में लगी सीट को हटा दिया, फिर प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल कर ड्राइवर के केबिन को अलग कर दिया और उसे पीसीबीई किट पहना दिया। वहीं नजीब ने बताया कि उसके 75 प्रतिशत बच्चों ने एम्बुलेंस चला कर लोगों की मदद करने की बात कही है।
लोग की मदद के के लिए बनाई < मजबूत> एर्केन
नजीब ने बताया कि गाड़ियों को एकर्न्स का रूप देने में लगभग 25 हजार रुपए का खर्च आएगा, लेकिन वह इस मुश्किल समय में खर्च करके लोगों की मदद करना चाहता है। साथ ही बताया कि एकर्न्स का किराया ज्यादा नहीं होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार केरल में 2,47,514 सक्रिय मामले हैं। जबकि पिछले साल इस महामारी की शुरुआत के बाद से राज्य में 5,170 मौतें दर्ज की गई हैं।
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