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कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को मिला एक और हथियार, स्पुतनिक V वैक्सीन को मिली DCGI की मंजूरी

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को मिला एक और हथियार, स्पुतनिक V वैक्सीन को मिली DCGI की मंजूरी

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: भारत को कोरोना की खिलाफ लड़ाई में एक और वैक्सीन मिल गई। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मैसर्स गमलेया संस्थान, रूस की वैक्सीन स्पुतोनिक को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की अनुमति दे दी है। & nbsp; अब तक कुल तीन वैक्सीन को भारत मे इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुका है। जिसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और एस्ट्केजेनका-सेरामल ऑफ इंडिया की कोविशिल को इमरजेंसी & nbsp; यूज़ ऑथराइजेशन दिया है।

रूसी इस वैक्सीन को गाम-कोविद-वैक कंबाइंड वेक्टर वैक्सीन को नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेम सियोल और माइक्रोबायोलॉजी ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ हैसलैथ ऑफ रशियन फेडरेशन ने तैयार की है। भारत में इसकी क्लीनिकल ट्रायल डॉ। रेड्डी लेबोरेटरी ने की है। & nbsp;

भारत में इस वैक्सीन का फेज 2 और 3 का ट्रायल किया गया है और इसके नतीजों के आधार पर पहले एवरी एक्सपर्ट्स कमिटी ने इस मंजूरी देने की सिफारिश की थी। जिसके बाद सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को दुनिया भर के 30 देशों में अप्रूवल मिला है।

इस वैक्सीन की भी दो डोजने होगी। पहले डोज और दूसरे डोज के बीच 21 दिन का अंतर होगा। जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन में पहले डोज और दूसरे डोज के बीच 4 से 6 सप्ताह का गैप है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड में पहला और दूसरा डोज के बीच 6 से 8 सप्ताह का अंतराल है।

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