<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। ऑक्सीजन और कोरोना के इलाज के लिए अन्य आवश्यक दवाइयों की कमी की वजह से लोगों की मौत हो रही है। मरीज के परिजन दवाइयों और ऑक्सीजन के लिए हैंकिट रहे हैं। कोरोना मरीजों की ऐसी स्थिति देखकर शनिवार को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव भड़क गए। & nbsp;
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> जनता के लिए सरकार के पास नहीं हैं पैसे
उन्होंने नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं किसी पार्टी के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन मैं उन लोगों से जानना चाहता हूं, जो चुनाव में वोट के लिए करोड़ों खर्च करते हैं। क्या वो आज अपने भगवान पर लाखों रुपये खर्च नहीं कर सकते हैं? आज वे पंचायत चुनाव में भी करोड़ों रुपए खर्च करेंगे। एमएलए, एमपी, पैक्स, मुखिया सभी चुनावों में उन करोड़ों खर्च करते हैं, लेकिन जब जनता की जान बचाने की बात आती है तो वे सामने नहीं आते हैं। & nbsp;
आम लोगों की जिंदगी से दूसरों को मतलब नहीं & nbsp; & nbsp;
पप्पू यादव ने कहा, " इन लोगों को अपने परिवार और अपने ऐशो-आराम से मतलब है। आम लोगों की जिंदगी से उन्हें कोई मतलब नहीं है। ये भी सुरक्षित रहें, कोई समस्या नहीं है। लेकिन जिस तरह बॉर्डर पर तैनात युवा पैसा लेते हैं, तो जान देते हैं। अन्य कर्मचारी भी पैसे लेते हैं, तो काम करते हैं, तो नेता जो आम जनता से पैसे लेटे हैं, उन्हें काम करना चाहिए।"& nbsp;
प्रमुखों पर होना चाहिए नांचहर का मुकदमा
उन्होंने कहा कि ये नेता पिछली बार भी कोरोना काल में गायब रहे, जलजमाव में गायब होने, जब कभी संकट आता है, तब गायब हो जाते हैं। सौ साल में एक बेड की व्यवस्था नहीं की गई। डबल ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगे, ऑक्सीजन के सिलिंडर्स की खरीद नहीं पाई गई। वेंटिलेटर नहीं हैं। रेमडेसिवीर इंजेक्शन का प्रोडक्शन 8 लाख से अधिक नहीं है। पूरे देश में हाहकार मचा हुआ है। ऐसे में नरसंहार किन लोगों ने नहीं किया? क्या उनपर नरसंहार के मुकदमे नहीं होने चाहिए? & Nbsp;
पप्पू यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पर भी देशद्रोह के मुकदमे होने चाहिए। उन्होंने 8 चरण में चुनाव कराया। वह ऐसा करने वाले आम आदमी को मार रहे हैं, इस व्यवस्था के जिम्मेदार ये लोग हैं। सौ साल में ये सरकारी तोड़ सकते हैं, सबकुछ कर सकते हैं, लेकिन काम नहीं कर सकते। जब आप अपनी गलती छुपेंगे तो लॉकडाउन डाल देंगे ताकि लोग घर में ही तड़प कर मर जाएं। आम आदमी इनके खिलाफ बोल न पाया। & nbsp;
उन्होंने कहा, " आम आदमी पर आरोप लगेगा, केस दर्ज होगा लेकिन अमित शाह और अन्य नेताओं पर कोई केस नहीं होगा। इसलिए इन नेताओं की सजा जनता को तय करना है। आज अव्यवस्था से लोगों की मौत हो रही है। आम लोगों में डर है और इसके जिम्मेदार नेता हैं। इसलिए नरसंहार का मामला होना चाहिए।"
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