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कोरोना महामारी में जिंदगी बचाने का सौदा कर रहे साइबर अपराधी, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर व दवा के नाम पर दिल्ली से बिहार तक लाखों-करोड़ों की ठगी

by Sneha Shukla

नौकरी, बैंक खाता अपडेट या इनाम निकलने का झांसा देकर ठगी करनेवाले साइबर अपराधी अब कोरोना महामारी में जीवन बचाने के नाम पर गलत करने लगे हैं। इंसानों की जिंदगी से ज्यादा उनके लिए पैसा प्यारा है। कोरोना से जब लोग जंग लड़ रहे हैं तो ये जीवन बचाने का झांसा देकर ठगी पर उतर आए हैं। कहीं ऑक्सजीन तो किसी जरूरतमंद को रेमडेसिवर इंजेक्शन देने का भरोसा देकर रुपए ऐंठ रहे हैं। लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। बिहार ही नहीं, देश के कई राज्यों में ऐसे वाकए सामने आए हैं। भोजपुर और पटना के दानापुर से गिरफ्तार तीन साइबर अपराधियों की पैरूत ने सबको सन्न कर दिया है।

दिल्ली में दर्ज किए गए 300 के करीब ठगी के मामले हैं
अप्रैल में जब कोरोना की दूसरी लहर ने विकराल रूप लिया तो दिल्ली में ऑक्सीजन व रेमडेसिवर की किल्लत हो गई। इसका फायदा उठाने वाले साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए। ईओयू के अफसरों के अनुसार, अप्रैल में ऑक्सीजन व दवा के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के करीब 300 मामले दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए। इनमें कई मोबाइल का लोकेशन बिहार में पाया गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस के सहयोग के लिए ईओयू की टीम भी गई।

दानापुर से दिल्ली में किया गया सांसों का सौदा
दिल्ली पुलिस ने ईओयू के सहयोग से रविवार की रात दानापुर से दो ऐसे ही साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। गद्दार मोहल्ले के रहनेवाले किशन व समीर खान ने ऑक्सीजन मुहैया कराने के नाम पर दिल्ली में कई कोरोनाभूषणों के परिजनों से ठगी की। 23 अप्रैल को दिल्ली में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दोनों ने कई लोगों से ऑक्सजीन के नाम पर ठगी की थी और पैसे अपने बैंक खातों में मंगाया था। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद तुरंत उन बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया, जिसमें ठगी के पैसे मंगा थे। इसके बाद पड़ताल की गई तो पता चला जिस मोबाइल का इस्तेमाल लोगों से बात करने में किया गया था उसका लोकेशन बिहार है।

बैंक खाते में जमा लगभग चार लाख रुपये हैं
दिल्ली पुलिस की टीम ने किशन कुमार और समीर खान को गिरफ्तार कर लिया है। उनके बैंक खातों में लगभग 4 लाख रुपए जमा हैं, जिन्हें फ्रीज करवा दिया गया है। आशंका है कि ये रुपए ठगी के हैं। दानापुर में कार्रवाई से पहले दिल्ली पुलिस की टीम ने भोजपुर के कुइयां निवासी अमित कुमार को गिरफ्तार किया था। उसे रविवार को ही दलित रिमांड पर दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई। यह मामला भी ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं के नाम पर ठगी से जुड़ा है। साइबर ठगी का रैड कितना बड़ा है, इसका अंजाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमित के खाते में 15 लाख से ज्यादा का ट्रांसमिशन हाल के दिनों में हुआ। सारा पैसा साइबर ठगी के जरिए खाते में मंगाए गए और उसे तुरंत निकाल लिया गया। इस मामले में उसके एक चचेरे भाई की भी तलाश हो रही है।

कई लेयर में होता है ठगी
ईओयू के अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने बताया कि साइबर अपराध कई लेयर में होता है। बात कोई करता है तो पैसे किसी और के बैंक खाते में मंगाए जाते हैं। इनसे ऊपर भी लोग होते हैं जो ये हैंडल करते हैं। बैंक खाते में पैसा आता ही निकाल लिया जाता है। मास्टरमाइंड तक वह कैश पहुंचता है।

नालंदा पहुंची दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम
दिल्ली क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी रोहित चौधरी अपनी टीम के साथ रविवार को नालंदा पहुंचे। वे दिल्ली में दर्ज ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई से संबंधित साइबर फ्रॉड मामले की जांच को यहां आए हैं। इस्लामपुर, कतरीसराय व बिहारशरीफ में क्षेत्रों में छापेमारी करेंगे।

कोरोना महामारी के दौरान साइबर अपराधियों ने अपना मॉडसिटेंडी बदल लिया है। ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं के नाम पर ये ठगी कर रहे हैं। उनके खिलाफ हमारी कार्रवाई चल रही है। दिल्ली में इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर ईओयू राज्य में कार्रवाई कर रही है। कई पकड़े गए हैं और कइयों के बारे में साक्ष्य मिला है। संलिप्तता सामने आने के बाद बैंक खातों को फ्रीज कर कार्रवाई की जा रही है।
– एनएच खान, एडीजी ईओयू

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