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कोरोना मामले पर हाईकोर्ट में रोज होगी सुनवाई, HC का आदेश- होम आइसोलेशन वालों को भी मिले ऑक्सीजन

by Sneha Shukla

पटना हाईकोर्ट में कोरोना इलाज की जांच और इलाज की सुविधा पर रोज परीक्षण होगा। मंगलवार को हाईकोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन कोटा का पूरा उठाव सुनिश्चित करें। अस्पतालों के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रह रहे गंभीर रोगियों को भी ऑक्सीजन मुहैया कराएं।

बुधवार को शाम 4.30 बजे से फिर ट्रायल शुरू होगा। न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्छमयमूर्ति मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई की।]सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट रंजीत कुमार ने राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य में टैंकर की कमी रहने के कारण ऑक्सीजन के निर्धारित कोटा का उठाव नहीं किया जा रहा है। हालांकि, राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। इस पर कोर्ट ने ऑक्सीजन का पूरा कोटा उठावतीश्चि करने को कहा।

के साथ ही पटना एम्स के डॉक्टरों की अगुवाई में गठित एक तीन सदस्यीय एक्पर्ट कमिटी को हाईकोर्ट ने विशेष शक्ति देते हुए पटना के तमाम को विभाजित अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति, बिस्तर की व्यवस्था और रोजाना कितने को विभाजित परीक्षण हुए इन सबको डे टू डे आंकड़ा लेने का भागीदार दिया। है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को कहा गया है कि पटना के सभी कोविड अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दें कि वे इस तीन सदस्यीय कमेटी के मांगने पर सही आंकड़ा प्रस्तुत करें। इस संदर्भ में राज्य स्वास्थ समिति, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आला अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया कि वे इस कमेटी के सदस्यों को हरसंभव सहयोग करें।

होम आइसोलेशन वालों को भी ऑक्सीजन मिला
हाईकोर्ट ने कहा कि पोर्टल पर नौ शिकायत आई है। इसमें आईजीआईएमएस के निदेशक ने भी शिकायत की है। यह गंभीर बात है। इसलिए ऑक्सीजन मंगवाई। अगर ऑक्सीजन की कमी नहीं है तो फिर शिकायत कैसे आ रही है। कोर्ट ने बिस्तर की बढ़ोत्तरी के बारे में भी पूछा। कहा कि 22 से 27 अप्रैल के बीच में कोई बिस्तर नहीं बढ़ा है। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को ऑक्सीजन कैसे मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।

डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वालों पर करें कार्रवाई
हाईकोर्ट ने इस बात पर भी अचरज जताया कि एनएमसीएच व अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों व स्वास्थ्य वर्करों के साथ मारपीट / दुर्व्यवहार की शिकायत मीडिया खबरों के जरिये मिल रही है। कोरोना राजकुमारियों पर हमला या उनके साथ कोई भी दुर्व्यवहार कोर्ट को देखने के लिए नहीं। डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ फौरन कानूनी लापरवाही करने का भी निर्देश दिया गया।

ऑक्सीजन की कमी से हाईकोर्ट के एक और कर की भी हुई मौत
हाईकोर्ट के एक और कर्मी राकेश समर की मौत कोरोना से हुई है। आरोप है कि उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिला। कोरोना संक्रमण के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें सोमवार रात एनएमसीएच में भर्ती कराया गया। वहाँ कोई देखभाल नहीं किए जाने के कारण से केपी सिन्हा मेमोरियल अस्पताल भूतनाथ रोड में ले जाया गया। उसे सक्रिय नहीं किया गया जबकि प्रशासन से उनकी ऑक्सीजन सप्लाई आपूर्ति के लिए गुहार लगाई गई थी।

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