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कोरोना मामले बढ़ने के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों के काम पर 'आफत', खाली हाथ लौटना पड़ रहा घर

कोरोना मामले बढ़ने के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों के काम पर ‘आफत’, खाली हाथ लौटना पड़ रहा घर

by Sneha Shukla

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पटना: बिहार में कोविद -19 रोगियों की बढ़ती संख्या अब लोगों को डराने लगी है। लोग तमाम आशंकाओं के बीच अपने कार्य तो कर रहे हैं, लेकिन वे अनजाने भय से सहमे हुए हैं। इस बीच, कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ने के साथ ही दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी बढ़ने लगी है। वे काम की तलाश में पूंजी तो आते हैं, लेकिन काम नहीं मिल रहे हैं। पटना के आस-पास के गांवों के मजदूर काम की तलाश में रोज सुबह राजधनी पहुंचते हैं। ये मजदूरों के लिए शहर में कई चुनिंदा स्थान हैं, जहां ये सुबह पहुंचते हैं और आवश्यकता के अनुसार जिनके मजदूरों की जरूरत होती है, वे काम करने उन्हें ले जाते हैं।

पट के जगदेव पथ के पास प्रतिदिन मजदूरों की भीड़ लगती है, लेकिन दो-तीन दिन से यहां मजदूर कम पहुंच रहे हैं। बुधवार को कई मजदूर अनिवार्य दिखे थे। मजदूरों से जब बात की तो उन्होंने कहा कि अब कोई काम नहीं कर रहा है। मनेर से काम की तलाश में पटना आए रामदेव कहते हैं कि होली के बाद से ही काम कम हो गया है। उन्होंने कहा कि घर में लोग काम करना नहीं चाहते थे और कपड़ा मंडियों में भी काम कम हो गया है। जहाँ बड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहाँ काम है, तो पहले से ही वहाँ मजदूर लगे हुए हैं।

अनाज और सब्जी मंडियों में भी काम कम हो गया है

कंकड़बाग के मलाही पकड़ी चौक पर भी मजदूरों का जमावड़ा रोज सुबह लगता है। यहां के मजदूरों का कहना है कि 100 में आधे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। दिहाड़ी मजदूर राजेश्वर बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से कोई काम नहीं मिला है। वे कहते हैं कि अनाज और सब्जी मंडियों में भी काम कम हो गया है। वे कहते हैं कि पहले घर में मरम्मत, रंग-रोगन का भी काम मिल जाता था, लेकिन पिछले एक सप्ताह से वह काम भी नहीं मिल रहा है। मजदूरों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति काम के लिए ले भी जाना चाहता है तो उसे एक मजदूर की जरूरत होती है।

इधर, जहानाबाद से होली के बाद लौटे राजकुमार कहते हैं कि होली के बाद कुछ व्हानी का काम कर पांच दिन पहले लौटे। रोज आकर ये चौराहों पर खड़ा होता है, लेकिन काम नहीं मिल रहा है। वे कहते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन की बात छोड़ दी जाए तो 15-20 साल में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई थी। वे कहते हैं कि एक दिन एक-एक हजार रुपये कमा लेते थे, लेकिन होली के बाद से तो काम मिलना मुश्किल हो गया है। बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण मंडियों में भी काम कम हुआ है।

कोरोना रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही हैं

उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में मंगलवार को कोरोना के 1080 नए मामले सामने आए थे, जबकि सोमवार को 935, रविवार को 864 और शनिवार को 836 मामले सामने आए थे। राज्य में वर्तमान में सक्रिय रोगियों की संख्या 4954 है।

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