कोरोना महामारी के कारण रोगी ना सिर्फ शारीरिक रूप से बीमार हो रहे हैं बल्कि मानसिक रूप से भी बीमार हो रहे हैं। इसलिए झारखंड और बिहार से जुड़े डॉक्टरों के एक भारतीय अमेरिकी समूह ने इसका हल निकाला है। जानकारी के मुताबिक उत्तरी अमेरिका के बिहार और झारखंड एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अविनाश गुप्ता ने बताया कि वे और उनके साथ जुड़े अन्य डॉक्टरों की टीम को विभाजित मरीजों को घर बैठे निशुल्क परामर्श टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन के जरिए दिया जाएगा। दरअसल ये सेवा इंटरनेट पर ऐप के माध्यम से मिल सकेगी। वहीं एफआईए के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि इन सभी डॉक्टरों के प्रयास का नतीजा है कि अब घर पर ही मरीजों को सहायता दी जा सकेगी और कोविड के लक्षण, उपाय, सावधानी से संबंधित जानकारी भी मरीजों को दी जाएगी। इसी के चलते कुछ दिन पहले लगभग एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों ने मरीजों को टेलीमेडिसिन के जरिए मुफ्त सहायता प्रदान की थी और उनका ये परीक्षण सफल रहा था।
डॉक्टर ने कहा ली दो एनजीओ की मदद करो
भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों के मुताबिक लोगों में जागरूकता की काफी कमी है। इसलिए भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों के समूह ने दो स्थानीय गैर-सरकारी संगठन ‘आस्था और आशा’ से टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़ने को कहा। वहीं टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए डॉक्टर ना सिर्फ मरीजों का इलाज करेंगे बल्कि उन्हें इस वायरस से जुड़ी हर तरह की जानकारी भी देंगे।
पट पट भैस हो गया जरूरी है मेडिसिन
एफआईए के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि डॉक्टरों का समूह पटना में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति भेजने के लिए भी काम कर रहा है, क्योंकि भारत इनदिनों ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मरीजों को ना इलाज के लिए बेड मिल रहे हैं और ना ऑक्सीजन मिल रहा है।
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