अमेरिकी कंपनी फाइजर ने सरकार से सेवा को प्राथमिकता देने और अपनी कोविड -19 वैक्सीन के डोज को ‘सिर्फ सरकारी अनुबंध के जरिए’ भारत में आपूर्ति करने का फैसला किया है। इसका संभावित मतलब ये हो सकता है कि दवा निर्माता कंपनी की वैक्सीन देश में निजी अस्पतालों के जरिए उपलब्ध नहीं हो सकती। जब तक कि केंद्र या राज्य सरकारें इन केंद्रों को बेचने का निर्णय न करें।
फाइजर कोविड -19 वैक्सीन की आपूर्ति सरकारी माध्यमों से करेगा
फाइजर का फैसला ऐसे समय आया है जब भारत ने अपनी टीकाकरण रणनीति को विस्तार दिया है और कंपनियों को शुल्क के विकल्प की अनुमति दी है जिसके तहत कंपनियों राज्यों और निजी अस्पतालों से संभावित रूप से अपनी वैक्सीन का ज्यादा पास वसूल कर सकती हैं। कंपनी की भारत में वैक्सीन की उपलब्धता पर दृढ़ता जताते हुए फाइजर के प्रवक्ता ने ‘महामारी के दौरान’ टीकाकरण कार्यक्रम में सरकार को प्राथमिकता देने के अपने फैसले को स्वीकार किया। प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी अपनी वैक्सीन की ‘सिर्फ सरकारी अनुबंधों के तहत संबंधित अधिकारियों और अनुमोदन या मान्यता के बाद की आपूर्ति करेगी।
फाइजर का बयान एक पत्र के उस सवाल के जवाब में आया है जिसमें उसने पूछा था कि भारत कंपनी की को विभाजित -19 वैक्सीन को खुले बाजार में 50 फीसद की आपूर्ति की बिक्री की अनुमतिजत से भारत के लिए उसके मंसूबे पर क्या असर पड़ा है। कंपनी से पूछा गया था कि उसकी वैक्सीन कितनी डोज की आपूर्ति करने में सक्षम होगी, वह बाजार में कैसे शुल्क चार्ज करेगी। कंपनी से ये भी सवाल किया गया था कि क्या उसने भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है और भारत को कब आपूर्ति शुरू करने की उम्मीद है। प्रवक्ता ने कहा, “फाइजर देश में सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम में इस्तेमाल के लिए फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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