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क्या बिहार में लगने वाला है लॉकडाउन? स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दिया ये जवाब

क्या बिहार में लगने वाला है लॉकडाउन? स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दिया ये जवाब

by Sneha Shukla

पटना: कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को समूह अध्यक्ष कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने राज्य में कोरोना से उत्पन्न स्थिति और उसके सामना के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे कामों की जानकारी दी। हांलाकि, जब उन्हें राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन लगाने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बार की स्थिति पहले से ज्यादा भरावह है।

जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा

उन्होंने कहा कि आज शाम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक होगी। वहीं, कल सर्वदलीय बैठक है। लॉकडाउन या अन्य किसी भी तरह के फैलसे पर इस दौरान विचार किया जाएगा। बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसकी जानकारी सभी को दी जाएगी। लेकिन जिस तरह की स्थिति है, जल्द ही कोई फैसला नहीं होगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रत्ययधरन ने बताया कि राज्य में पिछले चौबीस घंटे में 6253 नए कोरोनाटेप रोगी मिले हैं। वहीं, कुल 1,00,404 टेस्ट किए गए हैं। राज्य में कोरोना रिकवरी रेट 88.57 प्रति है। जबकि डेथ 0.55% है। अस्पतालों में बिस्तर की कमी को लेकर उन्होंने पटना के राजेन्द्र नगर स्थित आई अस्पताल में 100 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। मेदांता अस्पताल में दो-तीन दिनों के अंदर 50 बिस्तर उपलब्ध होंगे।

इन दो हॉस्पिटलों को बनाया गया था

प्रत्ययद्रण ने बताया कि भागलपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और एएन कॉलेज एंड हॉस्पिटल, को कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाया जाएगा। सीरियस पेशेंट को यहां रखा जाएगा, जबकि माइल्ड सिम्टम्स वालों को कोविड कैर सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही किस अस्पताल में कितने बिस्तर हैं, उसकी जानकारी आम जनों को चक्की संभव है, इसकी तैयारी चल रही है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर उन्होंने कहा कि यह बाबत बैठक की गई थी। बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उसपर कार्रवाई की जा रही है। आज से कल तक के बीच स्थिति नियंत्रक में आ जाएगी। पटना के दो सरकारी सरकारी लाभांश डेडिकेटेड अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा है। राज्य के अन्य सात सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की तैयारी है। सात से दस दिनों के अंदर उसे शुरू करने की तैयारी है। वहीं, रेमडेसिवर इंजेक्शन को प्राथमिक अस्पताल के लिए उपलब्ध कराने की बात प्रत्ययरान ने पीसी के दौरान कही।

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