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गंगा के ऊपर बन रहे पुल के संपर्क पथ पर लगा 'ग्रहण', जानें- क्या है पूरा मामला?

गंगा के ऊपर बन रहे पुल के संपर्क पथ पर लगा ‘ग्रहण’, जानें- क्या है पूरा मामला?

by Sneha Shukla

पट: बिहार की राजधानी पटना के व्यस्ततम क्षेत्रों की चर्चा की जाए तो अशोक राजप का नाम सबसे पहले होगा। गांधी मैदान से पटना सिटी को जोड़ने वाली यह सड़क हमेशा जाम से कराहती रहती है। इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से गंगा के ऊपर पुल का निर्माण किया जा रहा है ताकि जाम की समस्या का समाधान हो सके। लेकिन अब जब इसे अशोक राजपथ से जोड़ने की कवायद की जा रही है, तो इसको लेकर हंगामा तेज होने लगा है।

पूरा मामला क्या है ?

दरअसल, गंगा के ऊपर जो पुल बन रहा है, उसे अशोक राजपथ से जोड़ने में पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, खुदाबख्श लाइब्रेरी के गार्डेन का कुछ हिस्सा तोड़े जाने की संभावना है। इसको लेकर खुदाबक्श लाइब्रेरी प्रबंधन से एनओसी भी पूछा गया है। लेकिन इस बात से विपक्ष की पार्टियों और छात्र संगठन सहमति नहीं हैं। इस पूरे मामले के विरोध में रविवार को एआईएसएफ के छात्र नेता और छात्रों ने खुदाबख्श लाइब्रेरी के मेन गेट के सामने प्रदर्शन किया।

सरकार नहीं मानी तो आंदोलन करेगी

प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। साथ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार का पुतला भी फुनका गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुल निर्माण में अगर राष्ट्रीय धरोहरों को तोड़ा जाए, यह कहीं से ठीक नहीं है। एक ओर सरकार नए निर्माण करती है। वहीं, दूसरी ओर पुराने भवनों को तोड़ने का काम करता है, जो कहीं से भी उचित नहीं है। ऐसा कोई भी हाल ही में नहीं होगा। सरकार अगर नहीं मानती है, तो आंदोलन होगा।

इधर, इस मुद्दे को लेकर खुदाबख्श के बोर्ड मेंबर्स ने पटना के जिलाधिकारी से मुलाकात की और अपनी बातों को रखा। उन्हें यह सुझाव दिया गया कि लाइब्रेरी और अन्य ऐतिहासिक इमारतों को कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने अपने सुझाव में वर्तमान में गंगा पर जो पुल बन रहा है, उसका जिक्र करते हुए कहा कि यह बीच में कहीं भी अशोक राजपथ से जोड़ दिया जाएगा, जिससे भीड़ भी नियंत्रण हो जाएगी और सरकार के राजस्व की भी बचत होगी।

विरासत को बचाने के लिए बातचीत हो रही है

वहीं, ये सबसे अंजान खुदाबक्श लाइब्रेरी की डायरेक्टर डॉ। शाइस्ता वेदा ने कहा कि पुतला झाड़ और हंगामें के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कुछ देर बाद तीन छात्रों को अपने कक्ष में बुलायाकर निर्दिष्ट किया और कहा कि हम धरोहर को बचाने की बात कर रहे हैं। विरासत को बचाने की बात कर रहे हैं। लेकिन इस तरह से विरोध करना शोभा नहीं देता है। विरासत को बचाने को लेकर सरकार से बातचीत चल रही है। जल्द ही इस मुद्दे पर आगे बात होगी। उन्होंने छात्रों से अपील की कि आगे से ऐसा ना करें।

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