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गोरखपुर के इस गांव में पसरा है मौत का सन्‍नाटा, 27 दिन में 10 लोगों की गई जान

गोरखपुर के इस गांव में पसरा है मौत का सन्‍नाटा, 27 दिन में 10 लोगों की गई जान

by Sneha Shukla

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना 2.0 ने हर किसी को दर्द और खौफ से भरा दिया है। ये निर्णय है जो ताउम्र लोगों को सालता. माता-पिता, भाई-बहन, बेटी और पत्नि को असमय चुनने वाले लोगों को तो फुतकर रोने का भी मौका नहीं मिला। कोविद -19 विकासल की वजह से बहुत से परिवार को अपनों के अंतिम संकेतकार और लिपटकर रोना भी नस्क नहीं हुआ। इनबैठक बीचोबीच के एक गांव में बातचीत और पर्यावरण से 27 दिन में 10 लोगों की मौत होती है। गांव में पहले कुछ नहीं हुआ।

गांव में हत्या का सन्नाटा पसरा है
गोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर पोली बन्नम के चड़ाव गांव में मौत का सन्तनात पसरा हुआ है। 3 हजार की आबादी वाले इस गांव के रविन्द्र सिंह की 12 मई बुधवार की देर रात कोरोना से मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार 13 मई को राजघाट पर कोविड -19 प्रोटोकाल के तहत किया गया। इसी गाँव में रविन्द्र सिंह के सगे पट्टीदार 56 वर्ष के फतेह बहादुर सिंह की भी 16 अप्रैल को जिला पुलिस मुख्यालय को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

पंचायत चुनाव के ठीक दूसरे दिन पहली मौत हुई
गांव में 15 अप्रैल को हुए पंचायत चुनाव के ठीक दूसरे दिन पहली मौत हुई, तो किसी ने इस पर विश्नवास नहीं किया कि गांव में अनहोनी का सिलसिला शुरू होने वाला है। पाली के स उन्नत अपडेट और फूलने के लिए। उनका ऑक्टासिन लेवल डाउन होने लगा। जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया। जहां 16 अप्रैल की सुबह उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम मार्गदर्शनकार कोविड -19 के अभिनवल के तहत राजघाट पर जिला प्रशासन ने दिया था। हालाँकि, उनकी कोरोना जांच नहीं हुई थी।

थमा हत्या की शिलशिला
प्रजनन के बाद के 6 से 7 स्त्री पुरुष की मृत्यु एक के बाद होती है । ७. इसी तरह 2 मई को मतगणना हुई। मतगणना के दिन गांव के 57 वर्षीय रणविजय सिंह मास्टर की फू और सांस फूलने से मौत हो गई। इसके बाद हरिप्रसाद, आसधरन, एक बुजुर्ग महिला, राजमति देवी, दुर्गा प्रसाद, कन्नहैया प्रसाद, दुर्गा प्रसाद शर्मा की एक के बाद एक मौत का सिलसिला शुरू हुआ तो आज तक थमा नहीं। इन 10 मौतों में से 3 मौतों को विभाजित -19 से होने की पुष्टि हुई है। अन्य लोगों की मौत को सामान्‍य रूप से मौत समझने के परिजनों ने उनका अंतिम संकेतकार कर दिया। हालांकि, उनकी मृत्यु को विभाजित से ऐसा हुआ कि कोई जांच नहीं होने की वजह से पता नहीं चल पाया।

गांव में
ग्राम प्रधान अष्टभुजा सिंह ने कहा कि शहर के शहर में Movie दो- मौत कोरोना से. 22 अप्रैल से अब तक 10 जन. 3000 की आबादी वाले गांव में पूरी तरह से खौफ है। उन्‍होंने जांच के लिए टीम आई. समुच्चय से पहले टेस्ट हो रहा है। दवा और अन्य तरह की सुविधाएं नहीं मिली हैं। ज्यादातर लोगों को बुखार और सर्दी हो रही है। जियादतर मौतों को कारण को विभाजित -19 ही लग रहा है।

हरदहशत में है
गांव के निवासी सदस्‍य सिंह ऊष्‍पात सिंह 10 साल से जिला पंचायतीस्‍तस्‍य य य य य य य . हो भी रहे हैं । । वे बताते हैं कि पंचायत चुनाव बीतने के बाद गांव में 10 मौतें हुई हैं। जीन से दो से तीन मौतें हैं हैं जांच की जाँच करें। पंचायत चुनाव के बाद मौतों में इजाफा हुआ है। इस समय हर आदमी दहशत में जी रहा है। 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में ज्यादातर घरों से बाहर कमाने वाले हैं।

लोग बता नहीं पा रहे हैं
एसपी️एसपी️एसपी️एसपी️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️❤️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ गाँव में स्वस्तथ विभाग की टीम आई है। विभाग की जांच टीम आई. यह समयबद्धता जोन भी घोषित नहीं किया गया। ना ही गांव की जांच. लोग बता नहीं पा रहे हैं। बस कह रहे हैं कि लिन, जुकाम और सांस फूलने की दिक्क्त हुई और मौत हो गई। एंटीजन और आरटीपीसीआर चेकअप के साथ दवा का वितरण भी होना चाहिए।

भारत सरकार
गांव के प्रबंधक गोपाल सिंह मौतें मौतें 10 मौतें मौतें सर्दी-जुकाम और बुखार से लोगों की मौत हो रही है। गांव में दहशत में हैं. 30 से 40 प्रतिशत बजे-जुकाम और बुखार से भरपूर। कोई जांच टीम जांच के लिए पहले नहीं आई थी। आज ये टीम जांच के लिए आई है। कोय्यावस्था सरकार। रजनेन्द्र सिंह बताते हैं कि गांव में कुछ मौतें हुई हैं। उसकी उसकी ️ वे खुद भी पॉजिटिव हुए थे, 17 दिन बाद अब ठीक महसूस कर रहे हैं।

बाहर से प्रसारित किए गए
चड़वाड़ खेरने के लिए аан ан ет ои को ️–जुकाम हो रहा है। बगर के डर से वो गांव में रहें, ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️🙏 दो की रणविजय मानटर और फतेह सिंह की मृत्यु से मृत्यु हो जाएगी। गांव के लोग खौफ में हैं। इससे बाहर भी नहीं किया गया। गांव में दहशत है।

कोरोना वायरस से दहशत अधिक है
वाले इसके बाद कुछ लोग पॉजिटिव भी मिले। तबसे अब तक 10 हो गया है। कुछ बुजुर्ग थे। पांच लोग 50 से 55 की उम्र तक कोरोना महामारी से दहशत अधिक है। वे स्वयं जांच प्रदान कर रहे हैं। पहली जांच में उनके साथ घर के लोग भी पजितिव रहे हैं। आज के ेटिव

लोगों के अंदर डर बैठा हुआ है
रैपिड टीम का बल्द्रितव कर रहे डॉ राजन अरुण बताते हैं कि सूचना मिली तो चड़राव गांव में जांच के लिए आए हैं। यहां पर 60 लोगों की सैंपलिंग की गई है। सभी की निगेटिव रिपोर्ट आई है। उन्‍‍‍‍‍‍‍थीं जैसे मरा कि परिवार के लोगों की भी खोज होती है। मौसम बदलने की वजह से भी सर्दी-जुकाम के मामले आ रहे हैं। इसके पहले भी कई गांव में कोरोना जांच करने के लिए गए हैं। डर के मारे लोग जांच कराने से कतरा भी रहे हैं। इन्होनें ठीक हैं।

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