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मई महीने में बहुत से अशुभ योग बन रहे हैं। इस अशुभता का प्रमाण शास्त्रीय वाक्य भी बता रहे हैं। ‘यत्र मासे महीसूनोर्जयन्ते पंचवासरा: रक्तेन पूरिता पृथ्वी, छत्रभंगस्तदा भवेत्’ अर्थात एक ही क्षण …।
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