आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं की समस्याओं का हल बताया है। आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू का ध्यान से अध्ययन किया था। यही कारण है कि उनकी बातें आज के परिवेश में भी लक्की बैठती हैं। कहा जाता है कि चाणक्य की नीतियों को अपना पाना मुश्किल होता है, लेकिन जिसने भी अपनाया वह सफल हो गया। चाणक्य ने एक श्लोक में उन चार बातों का वर्णन किया है जो इंसान की सच्ची साथी हैं। चाणक्य कहते हैं कि ये चीजें व्यक्ति का आखिरी समय तक प्लेती हैं।
विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्र गृहेषु च
व्याकृतस्यौषधं मित्र धर्मो मित्रं मृतस्य।
1. चाणक्य कहते हैं कि अपने घरों से दूर रहने वालों के लिए उनका सच्चा साथी ज्ञान है। अंजान जगह पर व्यक्ति का ज्ञान ही उसे मान-सम्मान दिलवाता है। ज्ञान की मदद से व्यक्ति जीवन में आने वाली तमाम मुश्किलों को भी हल कर लेता है। इसलिए जीवन में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करने की कोशिश करनी चाहिए।
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2. चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों की पत्नी अच्छी दोस्त होती है, उन्हें समाज में खूब मान-सम्मान मिलता है। संस्कारी व गुणी पत्नी हर सुख-दुख में साथ निभाती है। पत्नी की खुशियों का ध्यान रखता है और विपरीत परिस्थितियों में पति के साथ ढेर रहता है।
3. चाणक्य कहते हैं कि दवा या औषधि व्यक्ति की तीसरी सच्ची मित्र है। जब व्यक्ति अस्वस्थ महसूस करता है तो उसे स्वस्थ करने और बड़ी बीमारी से बचाने में दवा मदद करती है।
4. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का सच्चा साथी कर्म भी है। यह व्यक्ति को हमेशा धर्म के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जिसके कारण व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। चाणक्य कहते हैं कि धर्म के रास्ते पर चलने वालों को मरने के बाद भी याद किया जाता है। इसलिए व्यक्ति को सत्कर्म करने चाहिए।
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