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चाणक्य नीति: इन 4 गुणों से ही होती है सही व सच्चे इंसान की पहचान, आप भी जान लीजिए

by Sneha Shukla

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आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में व्यक्ति के स्वभाव व गुणों के बारे में बताया है। चाणक्य की नीतियों भले ही अपनाने में कष्ट होता है, लेकिन जिसने भी अपना जीवन सुखमय हो सकता है उसे अपनाया है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में चाणक्य की ये नीतियां जीवन की हर कसौटी पर व्यक्ति की मदद करती हैं। अक्सर लोग व्यक्ति की पहचान में गलती कर देते हैं, जिससे उन्हें कष्टों का सामना करना पड़ता है। आपके साथ ऐसा न हो इसके लिए पढ़िए आज की चाणक्य नीति। इस नीति में चाणक्य ने अच्छे व सच्चे व्यक्ति के गुणों के बारे में बताया है।

आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के पांच अध्याय के दूसरे श्लोक में लिखा है,
यथा चतुर्भिः कनकं परीक्षते निर्घर्षणं छेदनतापताडनैः।
सेर्र्भी: पुरुषं परीक्षते दिसगेन शीलेन गुणेन कर्मणा ।।

चाणक्य कहते हैं कि घिसने, काटने, तने और पीटने। इन चार चीजों से सोने की माँग होती है। ठीक उसी तरह से व्यक्ति की पहचान उसके आचरण, उसमें कौन से गुण हैं, त्याग की भावना और कर्म की भावना से होती है।

1. चाणक्य कहते हैं कि अच्छे और सच्चे व्यक्ति में त्याग की भावना होती है। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए कुछ नहीं कर सकता, वह भला इंसान नहीं हो सकता है। दूसरों की खुशियों के लिए अपनी खुशियों का बलिदान करने वाला व्यक्ति ही अच्छा इंसान माना जाता है।

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2. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को समझानेने में उसका आचरण अर्थात चरित्र काफी मायने रखता है। नीति शास्त्र के अनुसार, जो व्यक्ति बेदाग व बुरतों से दूर रहते हैं और दूसरों के लिए गलत भावनाएं नहीं रखते हैं। वह श्रेष्ठ हैं।

3. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को समझानेने के लिए कौन कौन-से गुण यह भी देखना चाहिए। अगर व्यक्ति ज्यादा गुस्सा करता है, बात-बात पर झूठ बोलता है, अहंकार से भरा है और दूसरों का अपमान करता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों का भला नहीं कर सकता है।

4. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति किस स्थिति में कुल में जन्मा है और व्यक्ति के कर्म कैसे हैं। इन बातों के आधार पर भी व्यक्ति को जवाबना चाहिए।

()इस ग्राफ़ में दी गई बदलाव धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिन्हें केवल सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)



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