आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में धन, तरक्की, नौकरी, व्यवसाय, विवाह और दुश्मनी सहित कई पहलुओं का जिक्र किया है। आचार्य ने अपने ग्रंथ में इन सभी पहलुओं से जुड़ी समस्याओं का हल भी बताया है। इसके अलावा एक श्लोक में उन्होंने बताया कि आखिर व्यक्ति के कौन-से गुण उसे समाज में मान-सम्मान दिलाते हैं। चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने अवगुणों को छोड़कर कुछ गुणों का विकास करना चाहिए। जानिए व्यक्ति के कौन-से गुण समाज में बढ़ा देते हैं उसका कद-
1. चाणक्य कहते हैं कि शास्त्रों में भी कहा गया है कि व्यक्ति को अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति दिन दोगुनी चार चौगुनी तरक्की करता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का दानवीर होना आवश्यक है। दान देने वाले व्यक्ति को सभी लोग सम्मान की निगाह से देखते हैं। दान देने वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों का हित सोचता है। यह गुण दूसरों की नजरों में उसे महान बनाता है।
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2. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की वाणी हमेशा मधुर होनी चाहिए। मधुर वाणी दूसरों के मन प्रसन्न रखने के साथ खुद को भी खुश रखता है। कभी किसी की बात के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वाणी से ही व्यक्तित्व की पहचान होती है। जो लोग मीठा बोलते हैं, उन्हें हमेशा लोग अपनी चर्चा में याद रखते हैं और ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान मिलता है।
3. जीवन में सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है लेकिन व्यक्ति को किसी भी स्थिति में धर्म का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए। धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी अन्याय नहीं करता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों के लिए परोपकार की भावना रखता है। समाज में ऐसे लोगों को मान-सम्मान मिलता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारी धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जो केवल सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है।)
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