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छह हजार रुपये की लागत से की थी व्यापार की शुरुआत, आज लाखों कमा रहे हैं बिहार के अशोक

छह हजार रुपये की लागत से की थी व्यापार की शुरुआत, आज लाखों कमा रहे हैं बिहार के अशोक

by Sneha Shukla

और सारंग: बिहार के पश्चिमी जिले के कर्मा भगवान गांव निवासी किसान अशोक कुमार ठाकुर इन दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर मशरूम का उत्पादन कर अशोक जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के किसानों का प्रेरणा स्रोत बने हैं। छह हजार की लागत से स्वरोजगार की शुरुआत करने वाले मामूली किसान आज अपनी मेहतन और इच्छाशक्ति के बदौलत लाखों कमा रहे हैं।

इनर्जी ड्रिंक तैयार कर रहे हैं अशोक

बता दें कि डेढ़ साल पहले अशोक ने वेलफेयर अभिकर्ता का काम छोड़कर, लीज पर फार्म के बारे में मशरूम की खेती शुरू की थी। लेकिन वे यहीं तक सीमित नहीं रहे, उन्होंने मशरूम उगाने से आगे बिस्किट, आचार, पापड़ जैम, पकौड़ी और केक बनाने का भी काम शुरू कर दिया। न्यूनतम लागत में अधिक लाभ कमाने का हुनर ​​सीखा है अशोक अब शोरूम को अपने स्वरोजगार में शामिल कर चुके हैं। एक किलो आटा में 100 ग्राम मशरूम पाउडर, दूध और चीनी मिलाकर, वो इनर्जी ड्रिंक तैयार कर रहे हैं और स्थानीय बाजार में अच्छे दामों पर बेच रहे हैं।

अशोक की मानें तो उनके द्वारा तैयार की गई इनर्जी ड्रिंक में प्रोटीन, वसा, शराब, पेपर, लवण, विटामिन, अमीनो एसिड, पोटेशियम, सोडायम, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मौजूद है। इसके अलावा, इसमें रासायनिक गुणों के तत्व भी शामिल हैं। ऐसे में लोग उनके इनर्जी ड्रिंक की खरीदारी कर रहे हैं। अशोक का कहना है कि अभी शुरूआती दौर है, लेकिन धीरे-धीरे लोगों में उत्पादों के प्रति विश्वास जग रहा है। अच्छी आय का रास्ता भी मिल गया है।

परिजन भी काम में बंटाते हैं हाथ

बता दें कि औरंगा निवासी अशोक ठाकुर कृषि विज्ञान केंद्र सिरियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और ग्रैजाइल पास हैं। स्वरोजगार के इस काम में उनकी पत्नी के अलावा उनके तीन बेटियां भी सहयोग कर रही हैं। उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत डेढ़ साल पहले की थी। जबकि बिस्किट, आचार, पापड़, जैम आदी जैसे खाद्य वस्तुओं का उत्पादन वे पिछले एक महीने से कर रहे हैं, जिसमें अब तक वे अच्छी आमदनी अर्जित कर चुके हैं।

अशोक ने अन्य किसानों को सलाह देते हुए कहा कि पारंपरिक कृषि में घटते मुनाफे और बढ़ती परेशानियों को देखते हुए शोरूम को वैकल्पिक कृषी के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। इसे बढ़ावा देकर किसान अपनी आय आसानी से दोगनी कर सकते हैं। वहीं, वे सरकार से सहायता अनुदान की मांग की है। इसलिए प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के सपने को पूरा करना चाहिए।

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