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डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ की बदसलूकी तो अब खैर नहीं, जान लें- बिहार सरकार का नया आदेश  

डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ की बदसलूकी तो अब खैर नहीं, जान लें- बिहार सरकार का नया आदेश  

by Sneha Shukla

पटना: बिहार में कोरोना बड़ा तेजी से पांव पसार रहा है। रोजाना सैकड़ों नए मरीज मिल रहे हैं। वहीं, संक्रमण की जद में आए लोगों की लगातार मौत हो रही है। अपनों को चुनने का दुख परिजन और नहीं कर पा रहे हैं। फलस्वरूप रोज़ाना सूबे के कई जिलों में कोरोना रोगियों के इलाज में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की घटना सामने आ गई है। वहीं, अस्पतालों में तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया जा रहा है।

कोरोना काल में डॉक्टरों के साथ हो रही बदसलूकी परधानी से विचार करते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख गृह सचिव ने सोमवार को संयुक्त आदेश हटा कर राज्य के सभी जिलों के डीएम और एसपी को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ा दी जाए और वहां तैनात स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टर के पास क्षेत्र के पुलिसकर्मियों की संख्या होनी चाहिए। ।

सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में अगर पद्धति व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो तो तत्काल बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लें। खिलाफ ही घटना में शामिल लोगों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई कार्रवाई करें।

सरकार की ओर से जारी आदेश के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –

1. सभी जिलों के डीएम और एसपी अपने-अपने जिले के को विभाजित डेडिकेटेड अस्पताल, आइसोलेशन सेंटर, कोविड कैर सेंटर के आसपास विधि व्यवस्था लागू करने को लेकर आवश्यकता के अनुसार पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।

2. उन क्षेत्रों में, जहां ऐसे अस्पताल और विभाजित लाभांश केंद्र अवगत हैं, वहाँ गैसिंग की व्यवस्था को समेकित किया जाएगा और गश्ती की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

3. सभी जिला एसपी स्थिति के आकलन के आधार पर उपर्युक्त दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में स्वैच्छिक पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं।

4. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड -19 के इलाज में संलग्न सभी डॉक्टरों, अस्पतालों और अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था और को विभाजित राहत कार्यों से संबद्ध महत्वपूर्ण पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध करायें जाएं, ताकि मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्ति द्वारा इलाज में बाधा पहुंचाए जाने, हिंसक व्यवहार किए जाने या अन्य स्थिति की स्थिति में पुलिस बल या अन्य को आवश्यक मदद के लिए तत्काल संपर्क किया जा सकता है।

5. यदि कोई व्यक्ति / समूह उपर्युक्त अस्पतालों में किसी डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी या अस्पताल प्रबंधन को इलाज या उनके कर्त्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोई हानि, क्षति, अवरोध या बाधा पहुँचता है और / या अस्पतालों की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो उनके विरुद्ध “बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम, 2011” (समय-समय पर परिवर्तनशील) और आईपीसी की प्रासंगिक तरंगों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।

6. सभी डीएम और एसपी जिले के प्रमुख डॉक्टरों और प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रबंधन के साथ को विभाजित -19 के इलाज में आ रही समस्याओं को समझने और उन समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर बैठक करेंगे ताकि कोविद 19 महामारी के खिलाफ अपने अनुभव, परामर्श और सहयोग का समुचित उपयोग किया जा सकता है।

7. जिला प्रशासन जिले में ऑक्सीजन, को विभाजित इलाज में सहायक दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

8. सभी कोटि अस्पतालों के बाहर मरीजों के परिजनों द्वारा प्रतीक्षा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था का निर्माण किया जाए। परिजनों को मरीजों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में समय-समय पर अद्यतन सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।

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