नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैक्सीन की कमी की शिकायतें की जा रही है। आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविक्सीन का भंडार समाप्त हो गया है और रूपवान 17 स्कूलों में बनाए गए लगभग 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है।
इसके बाद आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने राष्ट्रपति कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 18 साल से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए कल से कोविक्सीन उपलब्ध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 18 साल से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए कोविशिल्ड का स्टॉक 9 दिनों का बचा है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली में 11 मई को विभाजित -19 टीके की लगभग 1.28 लाख खुराकें दी गईं। दिल्ली को 11 मई को 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविशील्ड की करीब 2.77 लाख खुराकें मिलीं है।
मनीष सिसोदिया क्या बोले?
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत बायोटेक ने दिल्ली सरकार को बताया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी को कोविक्सीन की “अतिरिक्त” खुराकें उपलब्ध नहीं करा सकती है। इस कारण से 18-44 वर्ष समूह के लोगों के लिए किया जा रहा टीकाकरण अभियान बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
सिसोदिया ने यहां ऑफ़लाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दिल्ली में कोविक्सीन का भंडार समाप्त हो गया है और रूपान्तर 17 स्कूलों में बनाए गए लगभग 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है।
सिसोदिया ने कहा, “कोविक्सीन निर्माता ने एक पत्र में कहा कि वह अनुपस्थितता के कारण दिल्ली सरकार को संबंधित सरकारी अधिकारी के निर्देश के तहत खुराकें उपलब्ध नहीं करा सकती है। इसका मतलब केंद्र सरकार टीके की आपूर्ति को नियंत्रित कर रहा है। “
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया था कि राज्य द्वारा टीके की खरीद में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
सिसोदिया ने केंद्र पर टीके के कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि टीके की 6.5 करोड़ की खुराकें विदेशी निर्यात करना ‘सबसे बड़ी गलती’ थी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 26 अप्रैल को कोविशील्ड और कोविक्सीन की 67-67 लाख खुराकों का लाइसेंस दिया है।
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