नई दिल्ली: कोरोना के कहर के बीच कई अस्पताल अब भी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की शिकायत कर रहे हैं। इस बीच आज एक बार फिर ऑक्सीजन की कमी के मसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।
इस दौरान अदालत ने केंद्र से कारण बताने को कहा कि दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर आदेश की तामील नहीं कर पाने के लिए उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।
हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए केंद्र से कहा कि आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपा सकते हैं, हम ऐसा नहीं करेंगे।
हाई कोर्ट ने केंद्र की दलील को खारिज कर दिया कि मौजदा चिकित्सीय ढांचे को देखते हुए दिल्ली 700 लोगों के टन चिकित्सीय ऑक्सीजन की कीमत नहीं है। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 30 अप्रैल का आदेश दिखाता है कि उसने केंद्र को 700 मिलियन टन ऑक्सीजन मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा कि हम हर दिन इस खौफनाक हकीकत को देख रहे हैं कि लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन या आईसीयू बिस्तर नहीं मिल रहे हैं, कम गैस आपूर्ति के कारण बिस्तर की संख्या दिन दी गयी है।
हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, अब हम भी कह रहे हैं कि केंद्र जैसे भी हो हर दिन दिल्ली को 700 मिलियन टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करे।
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