<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद जहां इस कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर लाचार हो चुके हैं कि ग्रामीण अंचलो में मौजूद स्वास्थ केंद्रों पर खुले लटके हुए हैं और ग्रामीण इलाज के लिए भटक रहे हैं। & nbsp; ;
सामुदायिक स्वस्थ केंद्र पर लैमिंग
एबीपी गंगा की टीम जब ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद स्वास्थ्य केंद्रों का हाल जानने निकली तो जो तस्वीर सामने आई वह अपने आप में हैरान करने वाली थी। बैंठें बैंठ पर बैंठ पर 9.30 बजे, इस 20 बेड का बहुविकल्पी केंद्र बना, यह बैंठों में 24 घंटे खुले और 24 बजे खुलें। इस पर लगा.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बदहाल
इस संस्थान के स्वस्थ होने के बाद रीसेट सेंटर धौला एंटाइटेलमेंट। यहां भी इस केंद्र पर ताला लटका हुआ था। यह चार बेड का अस्पताल है। कैमरा देखते ही दर्जनों की तादात में यहां ग्रामीण पहुंच गए। इसी बीच दस बजे के लगभग & nbsp; इस केंद्र के चिकित्सक भी पहुंचे। कैमरे के सामने अस्पताल खोला गया है। इनका कहो कि सुधार हो रहा है। डॉक्टर के बारे में पूछने पर इनका कहना था कि डॉक्टर साहब को विभाजित ड्यूटी में हैं। तस्वीरों में ये जैसी दिखने वाली थीं। देखने से यह नहीं लग रहा था कि, यह सेलवर्ट है, बिल्डिंग जर्जर थे, रोशन दान टूटे हुए थे कमरे थे। ताला बंद था। & nbsp;
ग्रामीण स्वेत
वही, जिस तरह से उनका बेहूदगी का माहौल है। इनका कहना था कि बहुत परेशानी हो रही है। यहाँ केवल हर्बलिस्ट आते हैं वह भी समय इनका निश्चित नहीं है। & nbsp;
वहीं, इस मामले पर सीएमओ का कहना था कि धौला पंडित में हर्बलिस्ट आते हैं। वहाँ के डॉ की कीविड अस्पताल में ड्यूटी लगी है और nbsp; और स्वास्थ्य केंद्र सोनेरी में टीकाकरण चल रहा है। पता चला है कि, कुछ लोग देरी से आ रहे हैं, उन्हें चेतावनी दी जाएगी। & nbsp;
सवाल इस बात का है कि, इस तरह के मौसम में आम जनमानस त्राहिमाम कर रहे हैं, जब तक यह स्वस्थ्य की तरह नहीं है, तब तक यह ठीक है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि देवरिया की आम जनता का अब भगवान ही मालिक है।
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