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नवरात्रि का आठवां दिन: इन मुहूर्त में ना करें मां महागौरी की पूजा, नोट कर लें मां का प्रिय पुष्प, भोग, शुभ रंग और सवारी

by Sneha Shukla

20 अप्रैल दिन मंगलवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि अष्टमी और नवमी तिथि में कन्या पूजन करने से शुभ पैरों की प्राप्ति होती है।

ये अशुभ मुहूर्त में ना करें मां महागौरी की पूजा-

राहुकाल- 03:21 पी.एम. से 04:58 पी एम तक।
यमगंड- 08:54 ए एम से 10:31 ए एम तक।
गुलिक काल- 12:08 पी एम से 01:44 पी एम तक।
दुर्मुहूर्त- 08:15 ए एम से 09:07 ए एम तक।
वर्ज्य- 03:15 पी एम से 04:55 पी एम तक। और इसके बाद 11:01 पी एम से 11:45 पी एम
भद्रा- 05:40 ए एम से 12:28 पी एम तक।

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माँ महागौरी का स्वरूप-

माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए वे महागौरी के नाम से पुकारते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं।

माँ महागौरी का भोग-

शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी को नारियल व हलवा का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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माँ महागौरी की सवारी-

मां महागौरी का वाहन बैल और सिंह हैं।

नवरात्रि के आठवें दिन का शुभ रंग-

शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी को सफेद रंग अतिप्रिय है। हालांकि माता रानी की पूजा करते समय गुलाबी रंग के कपड़े पहनना उत्तम माना गया है। मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं और गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। पूजा के दौरान पीले या सफेद वस्त्र भी धारण किए जा सकते हैं।

माँ महागौरी का प्रिय पुष्प-

मां महागौरी को पूजा के दौरान सफेद या पीले रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए। ऐसे में पजा के दौरान मां दुर्गा को चमेली व केसर का फूल अर्पित किया जा सकता है।

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