पाटन: बिहार के बक्सर जिले के चौसा महादेवा घाट पर बीते दिनों शवों का अंबार दिखने के बाद जमकर बवाल हुआ। बक्सर प्रशासन ने शस को यूपी का बताया था। इस बात से नाराज यूपी सरकार ने बिहार के शवों के यूपी में अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी थी। इस बात से नाराज जापो पप्पू यादव ने यूनी के योगी आदित्यनाथ पर आपसे संपर्क किया। जैसा कि कहा गया था, ” बिहार का शरीर काशी में जल, यूपी सरकार।
शरीरों के बल पर बवाल
दरअसल, मौजूदा समय में जीत जी कोरोना मरीजों को इलाज के लिए तो संघर्ष करना ही पड़ रहा है। मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार करने में भी मृतक के परिजनों को काफी परेशानी हो रही है। इसी का नतीजा है कि पैकेटई किट में लिपटे शव गंगा में बह रहे हैं। शरीर में बड़ी संख्या में वृद्धि होने से शरीर में वृद्धि होती है।
बिहार का शरीर बन जाएगा : यूपी सरकार
क्या ढोंगी योगी शव जलाने में वन नेशन नहीं रहा।
अब डिजाइनरों का भी आधार कार्ड चाहिए!
बेशर्म!– पप्पू यादव (@pappuyadavjapl) 14 मई, 2021
बिहार के बक्सर के गर्भ में गर्भ में रखे गए थे, सामान्य रूप से यू.पी. से बहकर। चूंकि अब ये आ गए हैं, ऐसे में उसे हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन
यूपी पुलिस लौटा रही थी शव वाहन था
इस बात से नाराज यूपी सरकार ने बिहार के शवों के यूपी में अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी थी। बॉर्डर पर बने चेकपोस्ट पर तैनात यूपी पुलिस के जवान लगातार बिहार के शव वाहनों को वापस लौटा रहे थे। उनका कहना था कि आला अधिकारियों का आदेश है कि बिहार के शव वाहनों को यूपी में प्रवेश नहीं किया जाए। इस पर जमकर बवाल हुआ। बिहार पर बिहार कम्युर, रोहतास, औरंगाबाद के लोगों ने पर इस प्रभाव पर असर डाला.
इस तरह शुक्रवार को संयोजक ने गाजीपुर से बात की। इस दौरान गगसीपुर एसपी ने कहा कि दाह-संस्कार करने पर रोक नहीं है, शव बल्कि प्रवाहित करने पर रोका लगाया गया है।
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