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Lucknow: शहरों से अब गांव में दी कोरोना ने दस्तक, अब तक मिले 3551 संक्रमित

पश्चिमी यूपी में पांव पसार रहा है कोरोना, पंचायत चुनाव के बाद गांवों तक पहुंचा संक्रमण

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमण शहर के अलावा इलाके के गांवों में भी पहुंच गया है। ये मुजफ्फरनगर के गांव कुछ ज्यादा प्रभावित दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के बाद संक्रमण का असर गांवों तक पहुंच गया है और महामारी से मौतें भी हो रही है। यहां पर ज्यादातर मामले तेज बुखार के सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में सांस लेने में भी लोगों को परेशानियां हो रही हैं। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में मरीजों का अभी तक टेस्ट नहीं हो पाया है। टेस्ट के बाद सही स्थिति का पता चल रहा है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में पिछले दो-तीन दिनों में नए रोगी अधिक मिल रहे हैं। इनकी तुलना में अस्पतालों से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या कम है। मेरठ में गुरुवार को 1167 मरीज मिले जबकि 750 ही डिस्चार्ज हुए। गौतमबुद्ध नगर में 1227 नए रोगी मिले जबकि 1027 डिस्चार्ज हुए। गाजियाबाद में 953 नए मरीजों की तुलना में 715 ही डिस्चार्ज हुए। मुरादाबाद में 1303 नए रोगी मिले जबकि 907 ही डिस्चार्ज हुए। मुजफ्फरनगर में 704 नए मरीज मिले और 356 ही डिस्चार्ज हुए। इसी प्रकार सहारनपुर में 687 की तुलना में 611 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी मिली। इस कारण इन जिलों में कुल रोगियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। गुरुवार को मुजफ्फरनगर में 21, गाजियाबाद में 15, मेरठ में 12, व गौतमबुद्धनगर में 13 मरीजों की मौत हो गई।

मुजफ्फरनगर के हालात कुछ ज्यादा ही खराब नजर आ रहे हैं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन क्षेत्रों के अलावा मुजफ्फरनगर के हालात कुछ ज्यादा ही खराब नजर आ रहे हैं। पिछली लहर में जहां केसों की संख्या सीमित थी। वहाँ इस बार संक्रमण का फैलाव तहसीलों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 6 मई को तहसील बुढ़ाना में 63, मोराना में 94, मुजफ्फरनगर ग्रामीण में 175, अर्बन में 264, खतौली में 59, जानसठ में 57 मामले आए। जिसमें 21 मौतें हुई हैं। सरकार की ओर हर गांवों को एंटीजन के माध्यम से टेस्ट कराने की बात कही गयी है। शायद उसी में कुछ रोगियों की संख्या के आंकड़े सामने संभव हैं।

एक समाजिक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया ” पंचायत चुनाव के बाद से कोरोना का कहर मुजफ्फरनगर जिले में टूट गया। इसमें खासतौर पर ग्रामीण इलाके ज्यादा प्रभावित हैं। इलाके में लोगों को बुखार आ रहा है। बुढ़ाना तहसील और खतौली इलाके में बहुत ज्यादा मिले हैं। यहां पर मौतें भी हो रही है। हमारे यहाँ कई शिक्षक और अन्य कर्मचारी इस अंतर से मर चुके हैं। कई गंभीर रूप से भर्ती हैं। यहाँ पर 350 के आस-पास-संश्लेषण के इस अंतर की चपेट में हैं। लगभग 20 शिक्षक प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल के काल गाल में समाहित हो गए हैं। ”

स्टाफ की बहुत अधिक कमी होती है- एसीएमओ

मुजफ्फरनगर के एसीएमओ वीके सिंह ने बताया ” खतौली, जानसठ, शहरी मुजफ्फरनगर और अर्बन इलाकों में संक्रमण ज्यादा है। इन क्षेत्रों में डेवलपर टीम लगायी गयी है। 50 टीमें अर्बन क्षेत्रों में घर-घर जा कर जांच कर रही हैं। हर पांच टीमों पर एक-एक आरआरटी ​​टीम काम कर रही है। जिसमें डाक्टर शामिल है। दो न्याय पंचायतों में पांच-पांच की टीम गठित की गई है। घर में जाकर मरीज को देखती है। अगर सामान्य है तो उन्हें घर में रखने की सलाह देती है। अगर हलात गंभीर है तो उन्हें आरआरटी ​​टीम के डाक्टर उन्हें देखते हैं। ग्रामीण इलाकों में काफी मुस्तैदी है। ग्रामीण इलाकों में जहां हालत खराब की सूचना मिलती है वहां टीम पहुंचकर उन्हें इलाज मुहैया करा रही है। अभी तक ग्रामीण इलाके में एंटीजन 890 सैंपल मिले थे। जिसमें 27 पॉजिटिव मिले थे। पोजतिव को होमआइसोलेट किया गया है। उन्होंने बताया कि स्टाफ की बहुत कमी होती है। एक चरण पॉजटिव है, इस कारण काम धीमा दिख रहा है। अभी गंभीर स्थिति से सामना के लिए सीएचसी में बेडों का इंतजाम किया गया है। ”

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