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पीलीभीत कोविड अस्पताल में सामने आई लापरवाही, स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर मौन हैं अधिकारी 

पीलीभीत कोविड अस्पताल में सामने आई लापरवाही, स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर मौन हैं अधिकारी 

by Sneha Shukla

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भले ही कोरोना महामारी के दौर में जिलों का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन कुछ जिलों में सरकार पर आपदा के समय भी अफसरशाही हावी होती दिख रही है। पीलीभीत जिले के कोविड एल 2 अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है। कोविद अस्पताल प्रशासन पर मरीजों के साथ लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। कोविद अस्पताल के भीतर स्वास्थ्य कर्मियों ने जगह-जगह पीसीई किट फेंकी है। पूरे अस्पताल के वार्डों सहित हर जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।

की जा रहा है recification है
स्वास्थ्य महकमा लापरवाही मानने को तैयार नहीं है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऑक्साजीन की भरपूर मात्रा में मरीजों को उपलब्ध कराए जाने का दावा भी किया जा रहा है। कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों का आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात गौरव सहित उसके कई कर्मचारी मरीजों के तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के नाम पर भी वसूली करने में कहीं चूक नहीं हुई। यहाँ तक अगर ऑक्सीजन सप्लाई आने में देरी हो जाए तो सेटिंग बाज स्वास्थ्य करमी और डॉक्टर देर रात में भर्ती गंभीर रोगियों के बिस्तर से ऑक्सीजन हटा दें।

रोज हो रही है मौत
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोविद अस्पताल में हर रोज एक दर्जन से अधिक मौतें हो रही हैं। जिनके गग्रिण पीलीभीत में स्थित मुक्तिधाम पर जलते शव और एल 2 को विभाजित अस्पताल से शव ले जाने वाले शव वाहन दे रहे हैं। लेकिन बेपरवाह स्वास्थ्य विभाग को विभाजित अस्पताल में इलाज के अभाव में लगातार हो रही मौतों से लेकर कोरोनायोग्य रोगियों का आकंड़ा छुपाकर अपनी तारीफ के पुल बांधने में लगा है।

चुप्पी साधे हुए अधिकारी हैं
वहीं, जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी स्वास्थ्य विभाग के रवैये को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं और मुख्यमंत्री के ट्वीट पर जिले की तारीफों के कसीदे पढ़ने में जुटे हैं। जमीनी हकीकत ये है कि बेबसी और मायूसी का शिकार होकर जिंदगियां दम तोड़ रही हैं। सरकार भले ही केवल लाख प्रयास ले, मुख्यमंत्री जिलों का स्वयं दौरा कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में समस्याएं नहीं छोड़ रही हो लेकिन कुछ जिलों में बैठे अफसर सरकार की बदनामी कराने में लगे हैं।

स्टाफ की कमी है
कोविड अस्पताल में फैल रही अव्यवस्था और लगातार हो रही मरीजों की मौतों को लेकर सवाल किया गया तो सीएमओ सीमा अग्रवाल ने कहा कि जिले में दो सरकारी को विभाजित अस्पताल हैं। महिला विंग अस्पताल में 100 बिस्तर और आयुर्वेदिक कॉलेज में 130 बिस्तर का एल 1 अस्पताल है। सीएमओ ने ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा बताई है जिसमें 11 वेंटिलेटर शामिल हैं जिनमें 118+ 25 ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर और 17 बड़े जंबो सिलेंडर होने का दावा किया गया है। वहाँ, कोविद अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही और डाक्टरों की मनमानी को लेकर जांच की बात कहती है, स्टाफ की कमी जाहिर करते हैं, स्वास्थ्य विभाग उनका बचाव करते हैं।

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