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पटना: बिहार पुलिस सशस्त्र बिल को लेकर जारी विवाद के बीच सूबे के पूर्व सीएम और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी का नया बिल पर काल्पनिकपन आया है। उन्होंने बिहार पुलिस सशस्त्र बिल को राज्य हित में बताया है। मांझी ने कहा कि कुछ लोग इस विधेयक के नाम पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ये विधेयक राज्य हित में है क्योंकि इस विधेयक के मोटेारे एक तरफ जहां बिहार के बेरोजगार युवकों को पुलिस विभाग – सरकारी नौकरी मिलता है। वहीं, दूसरा पक्ष बिहार आत्मनिर्भर बन गया।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के कारण बिहार पर हजारों करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ हर साल रहता था। लेकिन, इस अधिनियम के सहारे अब बिहार की अपनी अर्धसैनिक बल होगी, जिससे राज्य के उपर का वित्तीय भार कम होगा।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुई घटना को लेकर मांझी ने बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस घटना के पीछे कोई गहरी साज़िश है क्योंकि एक तरफ जहां सड़क पर विरोधी दलों के नेताओं ने प्रदर्शन के आड़ में जनता को परेशान किया। वहीं, दूसरी तरफ उन्हीं के विधायकों ने सदन के भीतर स्पीकर को ना केवल नजरबंद करने की कोशिश की, बल्कि आसन को अपमानित किया।
मांझी ने कहा कि कल की घटना से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि कुछ आतंकी लोग नहीं चाहते हैं कि बिहार आत्मनिर्भर बने। वह नहीं चाहती कि बिहार का अपना अर्धसैनिक सशस्त्र बल हो, इसलिए वह इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
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