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कानपुर: ‘हे राम तेरी नाम को हर नाम पुकारे, बंदा ये तेरा पल-पल तेरी राह निहारे …’ ‘प्रभु श्रीराम’ की ओर आस्था व्यक्त करते हैं ये किसी हिंदू कवि की नहीं बल्कि मुस्लिम महिला साहित्यकार डॉ माहे तिलत सिद्दीकी की गजल का हिस्सा हैं। माहे तिलत सिद्दीकी।
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