<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> फिरोजाबाद। कोरोना काल में अस्पताल के मरीजों से भरे हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं मिल पा रहे हैं। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है। इसी प्रकार, फिरोजाबाद में सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोलती हकीकत सामने आई है। जिले के मेडिकल कॉलेज में कई वेंटिलेटर धूल फांकते नजर आए। एबीपी पर इसकी खबर दिखाए जाने के बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया है।
मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में 2 महीने से ज्यादा 75 वेंटिलेटर धूल फांक रहे थे। एबीपी पर समाचार दिखाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय तत्काल प्रभाव से सक्रिय हुआ। विभाग ने पूरे वेंटिलेटर की कहां-कहां जरूरत है, इसकी पड़ताल की। जरूरत पता चलने पर धूल फांक रहे 75 वेंटिलेटर को प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया ताकि वे मरीजों के काम आ सकें। & nbsp;
सरकार के आदेश के अनुसार सीएमएस आलोक शर्मा की ओर से 50 वेंटिलेटर लखनऊ के कैंसर अस्पताल में भिजवाए गए हैं। वहीं, 15 वेंटिलेटर प्रयागराज मेडिकल कॉलेज भिजवाए गए। 10 वेंटिलेटर आगरा के आर्मी अस्पताल में भिजवाए गए।
आलोक शर्मा ने बताया कि वेंटिलेटर जो हमारे यहां काम कर रहे थे, उसके अलावा शासन के आदेश अनुसार 50 वेंटिलेटर हमने लखनऊ कैंसर अस्पताल भिजवाए हैं। जहां यह वेंटिलेटर पहुंचे हैं वहां इनकी जरूरत थी और हम शासन के आदेश का पालन कर रहे हैं।
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