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बाहर से आ रहे लोग बिहार सरकार के लिए बने चुनौती, बिना कोरोना टेस्ट के ही पहुंच रहे गांव

बाहर से आ रहे लोग बिहार सरकार के लिए बने चुनौती, बिना कोरोना टेस्ट के ही पहुंच रहे गांव

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> पटना: कोरोना की दूसरी लहर में प्रभावशालीों की बढ़ती संख्या और विभिन्न प्रदेशों में सरकार द्वारा उठाए गए एहतियाती कदमों के बाद राज्यों में बने रहे बिहार के लोगों के वापस लौटने का सिलसिला जारी है। बाहर से आ रहे लोग बिहार सरकार के लिए चुनौती बन रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे आने वाले लोगों से जल्द ही बिहार वापस लौटने की अपील की है। इधर, आपदा प्रबंधन विभाग ने अब राज्य के 101 क्षेत्रों में क्वारंटीन केंद्र बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इन केंद्रों में आने वाले लोगों को रखा जाएगा। इस केंद्रों में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो सकती। सभी केंद्रों में पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया है।

आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों का कहना है कि बिहार के लोग देश के करीब सभी शहरों में हैं, जिनके इस दौर में इंतजार की संभावना है। सरकार इसी के मद्देनजर कवायद शुरू कर दी है। आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि अगर ट्रायल में बने क्वारंटीन सेंटर में जगह की कमी होगी, तो वहां निकटतम क्षेत्र के पंचायत भवनों में क्वारंटीन कैंप बनाए जाएंगे, जहां 14 दिन तक आने वाले लोगों को रखा जाएगा। 14 दिन तक अगर आने वाले लोगों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी जाएगी। क्वारंटीन केंद्र में सोशल डिस्टेंसिग का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

बिना टेस्ट के एकमात्र गांव तक पहुंचने वाले लोग

इधर, सरकार की योजना इन क्वारंटीन केंद्र में केवल आने वाले लोगों को निबंधन प्रदान करने की है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इन मजदूरों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इधर, अन्य प्रदेशों से बिहार आने का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर वापस आ रहे हैं। ऐसे में सरकार का दावा है कि रेल और बस अड्डों पर आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि कई लोग बिना जांच कराए स्टेशन और बसों से बाहर पहुंच जा रहे हैं।

अधिकारी भी मानते हैं कि ऐसे लोग ही मुख्य चुनौती हैं। बाहर से आने वाले लोगों को यह पता नहीं होता है कि उन्हें कोरोना है या नहीं, ऐसे में वे गांव पहुंच जाते हैं और उनके संपर्क में आने वाले लोग आबादी हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में कोरोना क्रियाओं की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। बुधवार को राज्य में 12,222 नए कोरोनायनों की पहचान हुई है, जो अब तक एक दिन में मिलने वाले रोगियों में सबसे अधिक है।

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