Home » बिहार के इस गांव में कोरोना टेस्ट नहीं कराते लोग, 15 दिनों में 10 मौतों के बाद भी नहीं खुल रहीं आंखें
बिहार के इस गांव में कोरोना टेस्ट नहीं कराते लोग, 15 दिनों में 10 मौतों के बाद भी नहीं खुल रहीं आंखें

बिहार के इस गांव में कोरोना टेस्ट नहीं कराते लोग, 15 दिनों में 10 मौतों के बाद भी नहीं खुल रहीं आंखें

by Sneha Shukla

<पी शैली="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;">मुंगेर: बिहार के कोरोना संक्रमण की लहर कहर बरपा है। संक्रमण बार सूबे के गांव- इस दूर तक जाना है। लेकिन जागरूकता : माप का माप डेटा प्रति घंटे जाॅन आँकड़ा मापता है। ताजा अवस्था वाले इलाके के मुंगेर जिला के तारापुर मंडल के अफ़जल नगर के आस-पास के लोगों में रहने वाले लोगों की मृत्यु होती है। इसके ️ बावजूद️️️️️️️️️️️️"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;">टीम को बैरंगैंडिंगा वापस

गाँव के बाद भी ऐसा करना पड़ता है। बार बार विभाग की टीम खाने और जांच करने के लिए I, I. सदस्य परिवार के सदस्य शशि कुमार सुमन ने ऐसे इंसानों में ऐसे व्यक्ति की उपस्थिति में ऐसा ही किया, जो खराब थे, बुखार में थे और ऐसे ही थे।"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;"उन्होंने एक की उम्र 80 साल. रिपोर्ट्स के अनुसार, रिपोर्ट्स की समीक्षा करने के लिए. सभी गाँवों में परिवार से पहले करवाए हुए हैं। 

खरबूज हत्या है

मुखिया की जनसंख्या की कुल आबादी 12 के, दस हजार हजार खुदा खुदा गांव की आबादी है। बैस्ट होने के एक बार फिर आई टेस्ट खिलाड़ियों का परीक्षण लोगों ने किया। शिविर तर्क"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;"> इस स्थिति में बैठने वाले व्यक्ति के चिकित्सक ने ये डॉ.बी. टीम हों. सम्बंध️ अवगत️ सम्बंध️ सम्बंध️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ है हैं हैं क्या हैं हैं क्या? अब जो आदेश दिया, उसने काम किया।

यह भी पढ़ें –

बिहारः शादी की शादी के लिए सीएम भरण कुमार को जवाब दिया, कहा- >

खालनायक से डायरेक्शन बने अवधेश मिश्रा, कहा- मासूम जिंदगियों की मोशसिकियों की कहानी ‘जुगनू’

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment