<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> पटना: कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल की विधि व्यवस्था को देखने के लिए धार्मिकता की तैनाती की है। लेकिन मजिस्ट्रेट अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पटना जिला प्रशासन ने मंगलवार को फुलवारीशरीफ थाने में तीन मजिस्ट्रेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
सभी पर ड्यूटी से गायब रहने का चार्ज
तीनों मजिस्ट्रेट के खिलाफ कोरोना काल में ड्यूटी से गायब रहने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बता दें कि तीनों मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति पटना एम्स में की गई थी। एम्स में विधि व्यवस्था और मरीजों को सुचारू रूप से सुविधा मिली इसके लिए उन्हें तैनात किया गया था। लेकिन वे लगातार ड्यूटी से नदारद रहे जिस कारण से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। & nbsp;
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें संजीत कुमार (कृषि समन्वयक, ब्रा बाजार), दिलीप ठाकुर (पीआरएस, फुलवारीशरीफ) और शशि कुमार (पीआरएस, फुलवारीशरीफ) शामिल हैं। सभी के खिलाफ एकेडमिक डिजीज एक्ट के तहत पटना जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई है।
पिछले 24 घंटे में 14,794 नए मरीज मिले
बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर करह बरपा रही है। सोमवार की तुलना में मंगलवार को पॉजिटिव मरीजों की संख्या में वृद्धि दिखी। सोमवार को जहां 11,407 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, वहीं मंगलवार को 14,794 लोगों को मिली। सोमवार को कम मरीज इसलिए भी मिले क्योंकि कुल 72,658 लोगों की ही जांच की जाकी थी। जबकि मंगलवार को कुल 94,891 लोगों की जांच की गई। इसलिए भी धमनों का आंकड़ा बढ़ा है।
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